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MMMUT में ₹1.80 करोड़ की VR-AR लैब बनेगी, छात्रों को मिलेगी ‘वर्चुअल रियलिटी’ माइनर डिग्री

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT)
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) के कंप्यूटर साइंस विभाग में ₹1.80 करोड़ की लागत से वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) लैब स्थापित होगी। साथ ही, VR/AR में माइनर डिग्री कोर्स भी शुरू होगा।

गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) अब भविष्य की तकनीक में अपने छात्रों को पारंगत बनाने जा रहा है। विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग में ₹1 करोड़ 80 लाख की लागत से अत्याधुनिक वर्चुअल रियलिटी (VR) एवं ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) लैब की स्थापना की जाएगी। विश्वविद्यालय अपने स्वयं के संसाधनों से इस बड़े खर्च को वहन करेगा। कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अवनीश सिंह ने इस लैब की स्थापना के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे विद्या परिषद् और वित्त समिति से भी मंजूरी मिल गई है। अगले 6 महीनों में इस लैब को पूरी तरह से क्रियाशील करने की योजना है।

इतना ही नहीं, इस सत्र से बी.टेक की सभी शाखाओं के विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर ग्राफिक्स एवं वर्चुअल रियलिटी में माइनर डिग्री पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।

क्या है VR और AR और क्यों है ये लैब ज़रूरी?

वर्चुअल रियलिटी (VR) एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर की मदद से एक पूरी तरह से आभासी दुनिया बनाती है, जहाँ यूज़र्स एक विशेष हेडसेट पहनकर इस आभासी वातावरण में प्रवेश कर सकते हैं, जैसे गेमिंग या सिमुलेशन में। वहीं, ऑग्मेंटेड रियलिटी (AR) वास्तविक दुनिया में डिजिटल जानकारी या चित्र जोड़ती है, जैसे स्मार्टफोन पर 3डी मॉडल देखना। शिक्षा, चिकित्सा और डिजाइनिंग जैसे क्षेत्रों में इन दोनों तकनीकों का उपयोग तेज़ी से बढ़ रहा है।

इस नई लैब की स्थापना के बाद, बी.टेक के विद्यार्थी आभासी वातावरण में जटिल मशीनों, डिज़ाइनों या प्रक्रियाओं का अध्ययन कर सकेंगे, जैसे ड्रोन डिजाइन, ऑटोमोबाइल डिजाइन और पदार्थों की संरचना। वर्चुअल रियलिटी में जटिल प्रक्रियाओं का अध्ययन जोखिम मुक्त होता है, क्योंकि सीखने वाले व्यक्ति की गलती से नुकसान की संभावना न के बराबर रहती है। ऑग्मेंटेड रियलिटी तकनीक भवन निर्माण में 3डी मॉडल देखने जैसी वास्तविक दुनिया में डिजिटल जानकारी जोड़कर डिजाइन और प्रोटोटाइपिंग में त्रुटियों को कम करती है।

माइनर डिग्री पाठ्यक्रम और उपकरण

विद्यार्थियों को वर्चुअल रियलिटी एवं ऑगमेंटेड रियलिटी में तकनीकी दक्षता प्रदान करने के लिए इसी सत्र से कंप्यूटर ग्राफिक्स एवं वर्चुअल रियलिटी में माइनर डिग्री पाठ्यक्रम भी शुरू हो रहा है। यह माइनर डिग्री पाठ्यक्रम कुल 20 क्रेडिट का होगा। बी.टेक की किसी भी शाखा का द्वितीय वर्ष का विद्यार्थी यह माइनर डिग्री पाठ्यक्रम ले सकता है। इसमें विद्यार्थी को कंप्यूटर ग्राफिक्स एवं वर्चुअल रियलिटी से संबंधित 4-4 क्रेडिट के कुल पाँच पेपर पढ़ने होंगे, जिनमें ‘कंप्यूटर ग्राफिक्स फॉर वर्चुअल रियलिटी’, ‘कंप्यूटर ग्राफिक्स एंड गेम प्रोग्रामिंग’, ‘कॉन्सेप्ट्स ऑफ वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियलिटी’, ‘साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग डेटा विज़ुअलाइज़ेशन’, तथा ‘इंटरैक्टिव 3डी ग्राफिक्स या सेंसर्स एंड एक्चुएटर्स इन AR/VR सिस्टम्स’ शामिल हैं। इन पेपरों को उत्तीर्ण करने पर विद्यार्थी को यह माइनर डिग्री प्रदान की जाएगी, जिससे उनका कौशल बढ़ेगा और प्लेसमेंट में भी सुधार होगा।

इस उन्नत लैब में विभिन्न प्रकार की उच्च क्षमता के वर्कस्टेशन, AR हेडसेट, VR हेडसेट, मोशन ट्रैकिंग सिस्टम, हैप्टिक डिवाइस, 360 डिग्री कैमरा, कंट्रोलर एंड बेस स्टेशन, स्पेशियल ऑडियो सिस्टम आदि उपकरण होंगे। इसके अलावा, यूनिटी 3डी प्रो, अनरियल इंजन, ऑटोडेस्क, ब्लेंडर जैसे सॉफ्टवेयर भी मौजूद होंगे, ताकि विद्यार्थियों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों स्तरों पर दक्ष बनाया जा सके।

शोध, नवाचार और प्लेसमेंट को मिलेगा बढ़ावा

इस लैब की स्थापना से स्नातक, परास्नातक, शोध छात्रों सहित उद्योग जगत को भी लाभ होगा। स्नातक छात्र यहाँ मिनी प्रोजेक्ट और इंटर्नशिप कर सकेंगे, जबकि परास्नातक विद्यार्थी एम.टेक डिजर्टेशन कर सकेंगे। पीएच.डी. के छात्र सिमुलेशन और इमर्सिव लर्निंग की दिशा में शोध कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के शिक्षक इस लैब की मदद से संयुक्त शोध और प्रायोजित शोध परियोजनाएं कर सकेंगे।

इस लैब और माइनर डिग्री कोर्स की शुरुआत से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के प्लेसमेंट का दायरा बढ़ जाएगा और छात्रों की पहुँच उन कंपनियों तक भी हो जाएगी जो ऑनलाइन या वर्चुअल गेमिंग, सिमुलेशन, शिक्षा प्रौद्योगिकी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, रक्षा प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, एवं रियल एस्टेट जैसे उभरते क्षेत्रों में काम कर रही हैं।

कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उच्च गुणवत्ता के शोध के लिए कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता के शोध से विद्यार्थियों, संस्थान, समाज और राष्ट्र सभी को लाभ मिलेगा।



Priya Srivastava

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About Author

Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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