सिद्धार्थनगर

सिद्धार्थनगर में दिव्यांग बेटी से दुष्कर्म के दोषी पिता को उम्रकैद, नए कानून में यूपी की पहली सजा

हैवानियत
सिद्धार्थनगर में नाबालिग दिव्यांग बेटी से दुष्कर्म के दोषी पिता को पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा और ₹2.05 लाख जुर्माना। नए आपराधिक कानून के तहत यूपी में यह पहली सजा है।

सिद्धार्थनगर: उत्तर प्रदेश में नए आपराधिक कानून के लागू होने के बाद यह पहला मामला है, जिसमें इतनी त्वरित और कठोर सजा सुनाई गई है। सिद्धार्थनगर जिले के त्रिलोकपुर क्षेत्र में नाबालिग और मानसिक रूप से अस्वस्थ दिव्यांग बेटी से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने के जघन्य मामले में दोषी पिता को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

दो महीने में आरोपपत्र, दो महीने में ही फैसला

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट बीरेन्द्र कुमार ने बृहस्पतिवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोषी पर 2.05 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले की सबसे खास बात यह रही कि पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने के मात्र दो महीने के भीतर ही सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने यह सजा सुना दी। यह आपराधिक मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मिसाल है।

ऐसे सामने आई पिता की करतूत

जानकारी के अनुसार, यह दिल दहला देने वाला मामला 7 जनवरी 2025 को सामने आया, जब पीड़िता की माँ ने त्रिलोकपुर थाने में तहरीर दी। महिला के अनुसार, उसके पति ने अपनी ही 16 वर्षीय मानसिक रूप से अस्वस्थ और पैर से दिव्यांग बेटी के साथ पिछले चार-पांच महीने से लगातार दुष्कर्म किया। आरोपी पिता अपनी बेटी को किसी को भी यह बात बताने पर जान से मारने की धमकी देता था।

इस दरिंदगी का पता तब चला जब पीड़िता अचानक बेहोश हो गई और उसके पेट में असामान्य रूप से सूजन दिखी। होश में आने पर जब माँ ने बेटी से पूछताछ की, तो उसने अपने पिता की इस घिनौनी करतूत के बारे में बताया। जब पत्नी ने पति से शिकायत की तो उसने उन्हें भी हत्या की धमकी देनी शुरू कर दी।

त्वरित पुलिस कार्रवाई और न्याय

महिला की तहरीर के आधार पर पुलिस ने तत्काल केस दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने युद्धस्तर पर जांच करते हुए लगभग दो महीने के भीतर ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस बीच, पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। कोर्ट ने भी इस संवेदनहीन मामले में त्वरित सुनवाई करते हुए मात्र दो महीने में ही आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

पीड़िता की पैरवी करने वाले राज्य सरकार की तरफ से नियुक्त विशेष लोक अभियोजक पवन कुमार पाठक ने बताया कि देश में नए आपराधिक कानून के लागू होने के पश्चात उत्तर प्रदेश में यह पहला मामला है, जिसमें इतनी तेज़ी से न्याय हुआ और सजा सुनाई गई है। यह फैसला ऐसे जघन्य अपराधों को रोकने और पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने में सहायक होगा।



गो गोरखपुर ब्यूरो

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