एमएमएमयूटी

एमएमएमयूटी:’टाइम्स हायर एजुकेशन’ सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 में शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल

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एमएमएमयूटी (मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) को टाइम्स हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 में 1501+ रैंक मिली। यूपी के 4 राज्य विश्वविद्यालयों में शामिल। SDG 6 और 7 में बेहतर प्रदर्शन।

गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) को एक बार फिर से विश्व के शीर्ष विश्वविद्यालयों की सूची में जगह मिली है। इस बार एमएमएमयूटी ने प्रतिष्ठित टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 में अपना स्थान बनाया है। यह रैंकिंग संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में विश्वविद्यालयों के योगदान को मापती है।

भारत और उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का विषय

इस वर्ष की रैंकिंग में भारत से कुल 135 सरकारी/गैर-सरकारी विश्वविद्यालयों/संस्थानों को ही जगह मिली है। विशेष रूप से, उत्तर प्रदेश के केवल चार राज्य विश्वविद्यालय ही इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो पाए हैं, जिनमें एमएमएमयूटी भी एक है। एमएमएमयूटी के अलावा जिन अन्य तीन सरकारी विश्वविद्यालयों को इस सूची में स्थान मिला है, वे हैं:

  • महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली (1001 से 1500 रैंक बैंड)
  • बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी (1501+ रैंक बैंड)
  • दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर (1501+ रैंक बैंड)

एमएमएमयूटी को विश्व में 1501+ रैंक बैंड में जगह मिली है। वर्ष 2025 की रैंकिंग में दुनिया के 130 देशों के कुल 2,526 विश्वविद्यालयों ने इसमें हिस्सेदारी की थी।

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टाइम्स हायर एजुकेशन सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग का उद्देश्य

वर्ष 2019 में शुरू हुई टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि दुनिया भर के विश्वविद्यालय संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों जैसे कि गरीबी उन्मूलन, भुखमरी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छता एवं पर्यावरण, स्वच्छ ऊर्जा आदि को प्राप्त करने की दिशा में कितना योगदान कर रहे हैं। जो विश्वविद्यालय सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में जितना ज़्यादा योगदान करते हैं, इस रैंकिंग में उनका स्थान उतना ऊँचा होता है।

यह रैंकिंग विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए अनुसंधान, भौतिक एवं मानव संसाधन का प्रबंधन, सामूहिक सहभागिता और शिक्षण के माध्यम से आवश्यक मानव संसाधन तैयार करने में उनके योगदान को आधार बनाती है। रैंकिंग प्रक्रिया में विश्वविद्यालयों को SDG 17 (सामूहिक साझेदारी) के अलावा कम से कम तीन अन्य सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अपने योगदान का विवरण प्रस्तुत करना होता है।

एमएमएमयूटी का प्रदर्शन और कुलपति का संदेश

आईक्यूएसी (IQAC) के निदेशक प्रो. वी.एल. गोले ने बताया कि एमएमएमयूटी ने पहली बार इस रैंकिंग में प्रतिभाग किया था। विश्वविद्यालय ने SDG 17 के अलावा SDG 3 (अच्छा स्वास्थ्य एवं कल्याण), SDG 6 (शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छता), तथा SDG 7 (स्वच्छ एवं सस्ती ऊर्जा) का चुनाव किया था।

प्रमुख निष्कर्ष:

  • SDG 6 (शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छता): कुल 43.9 अंकों के साथ विश्व में 401 से 600 रैंक बैंड।
  • SDG 7 (स्वच्छ एवं सस्ती ऊर्जा): कुल 44.7 अंकों के साथ विश्व में 601 से 800 रैंक बैंड।
  • SDG 3 (अच्छा स्वास्थ्य एवं कल्याण): कुल 28.3 अंकों के साथ विश्व में 1001 से 1500 रैंक बैंड।
  • SDG 17 (सामूहिक साझेदारी): कुल 41.6 अंकों के साथ विश्व में 1501+ रैंक बैंड।

इन चारों लक्ष्यों को मिलाकर कुल 41.4 अंकों के साथ ओवरऑल रैंकिंग में एमएमएमयूटी को विश्व में 1501+ रैंक बैंड में रखा गया है।

रैंकिंग की जानकारी मिलने पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी सहित विभिन्न शिक्षकों ने एक दूसरे को बधाई दी। कुलपति प्रो. सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति में अपना योगदान बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्पित है। उन्होंने घोषणा की कि विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रहे सभी विद्यार्थियों द्वारा चुनी गई शोध समस्या या प्रकाशित किए जा रहे शोध पत्रों को संयुक्त राष्ट्र के किसी न किसी सतत विकास लक्ष्य से जुड़ा होना आवश्यक होगा, और समस्त शोध पत्रों में संबंधित सतत विकास लक्ष्य का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, बाह्य वित्तीय सहायता हेतु प्रेषित किए जा रहे शोध प्रस्तावों और विश्वविद्यालय में अन्य शोधों को भी सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति से जोड़े जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन प्रयासों के अच्छे परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिलेंगे।



गो गोरखपुर ब्यूरो

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