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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर हाई-टेक सुरक्षा: हर 45 KM पर एंबुलेंस, क्रेन, और CCTV से होगी निगरानी

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से लखनऊ का सफर. फोटो— गोगोरखपुर.कॉम
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर 20 जून को उद्घाटन के साथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर 45 किमी पर एंबुलेंस, क्रेन व सुरक्षा वाहन। भविष्य में ATMSS भी लागू होगा।

गोरखपुर: 20 जून को मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन होने जा रहे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर अब यात्रियों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। हादसों में घायलों की त्वरित मदद के लिए हर 45 किलोमीटर पर एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर यहाँ भी जल्द ही एटीएमएस (एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) लागू करने की तैयारी है।

उद्घाटन के दौरान सुरक्षा फ्लीट को मिलेगी हरी झंडी

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से बनवाए गए 91 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर यात्री सुरक्षा के लिए एक विशेष सुरक्षा फ्लीट का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री 20 जून को इस एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के दौरान ही इस सुरक्षा फ्लीट को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस फ्लीट में पाँच इनोवा, पाँच कैंपर, चार एंबुलेंस, दो क्रेन और एक हाइड्रा वाहन शामिल होगा।

यूपीडा के नोडल सिक्योरिटी ऑफिसर राजेश पांडेय ने बताया कि यूपीडा के इनोवा वाहन की पेट्रोलिंग 8-8 घंटे की शिफ्ट में होगी, और हर वाहन में चार सेवानिवृत्त सैनिकों की ड्यूटी रहेगी, जो त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

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ATMSS: आधुनिक निगरानी प्रणाली की तैयारी

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर आने वाले समय में एटीएमएस (एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) भी लागू करने की तैयारी है। इस सिस्टम के तहत:

  • एक्सप्रेस-वे पर हर पाँच किलोमीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँगे, जिनकी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जाएगी।
  • रफ्तार सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर नज़र रखने के लिए स्पीड कैमरे और एनपीआर (नंबर प्लेट रीडर) की व्यवस्था भी होगी।
  • नियम तोड़ने वाले वाहनों की तत्काल जानकारी संबंधित ज़िले के एआरटीओ (ARTO) के पास चली जाएगी।

आपातकालीन सुविधाओं का पूरा इंतजाम

सुरक्षा वाहनों के अतिरिक्त, 91 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे पर हर 45 किलोमीटर पर मार्ग के दोनों तरफ एक-एक एंबुलेंस तैनात रहेगी, ताकि आपात स्थिति में घायलों को तत्काल अस्पताल पहुँचाया जा सके। किसी वाहन के सड़क पर खराब होने पर उसे हटाने के लिए हर 45 किलोमीटर पर क्रेन और पूरे एक्सप्रेस-वे के लिए एक हाइड्रा वाहन भी उपलब्ध रहेगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे पर खराब वाहनों को खड़ा नहीं किया जा सकता, इसलिए यात्री और मध्यम मालवाहक वाहनों को क्रेन से, और बड़े मालवाहक वाहनों को सड़क से काफी दूर हटा दिया जाएगा।



गो गोरखपुर ब्यूरो

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