Healthy Ladyfinger: भिंडी घरों में पकाई व खाई जाने वाली प्रमुख सब्जियों में से एक है। क्या हमने कभी सोचा कि इसकी उत्पत्ति सबसे पहले कहां हुई। इसमें कौन से पोषक तत्व, कितनी मात्रा में पाए जाते हैं। भिंडी के क्या क्या फायदे हो सकते हैं। आइए हम आपकी इस तरह की जिज्ञासाओं के समाधान का प्रयास करते हैं।
इतिहास:भिंडी का पूर्व प्रचलित नाम ‘ओकारा’हैहीं । इसका इतिहास बहुत तो ज्ञात नहीं है परंतु कहा जाता है कि एशिया और अफ्रीका से पहले इथियोपिया और मिस्र में इसकी औषधीय खेती की जाती थी। गुलाम बनाए गए लोग इसे अमेरिका ले आए। यहां से यह पूरे अमेरिका, कैरेबियन देशों ले जाई गई।
बनारस में इसे ‘राम तरोई’ कहते हैं और छत्तीसगढ में इसे ‘रामकलीय’ कहते हैं। बंगला में स्वनाम ख्यात फलशाक, मराठी में ‘भेंडी’, गुजराती में ‘भींडा’, फारसी में ‘वामिया’ कहते हैं।
पाए जाने वाले पोषक तत्व:
—भिन्डी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और कैलोरी भी कम होती है।
—इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
—100 ग्राम भिन्डी में 7.03 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम वसा और 9% फाइबर होता है।
—भिंडी फोलेट, नियासिन, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन के से भरपूर होती है।
फ़ोलेट, नियासिन, विटामिन सी, और विटामिन ई के कई फ़ायदे:
फ़ोलेट
यह बी 9 विटामिन है। इसका रोज डीएनए के उत्पादन में मदद करना है। फ़ोलेट की कमी से गर्भवती महिलाओं में जन्म दोष जैसे लक्षण हो सकते हैं। फ़ोलेट के जनक में फ़ोर्टिफ़ाईड अनाज शामिल हैं।
नियासिन
यह बी3 है। यह विटामिन त्वचा और तंत्रिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। नियासिन, भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। मक्के में नियासिन होता है।
सी
यह प्रतिरक्षा प्रणाली को को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है। विटामिन सी की खुराक से स्कर्वी की रोकथाम होती है।
विटामिन ई
यह एंटीऑक्सीडेंट है जो इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है।