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डीडीयू के प्रो. राजर्षि कुमार गौर UPCAR में डिप्टी डायरेक्टर जनरल नियुक्त, मिला ‘बेस्ट साइंटिस्ट अवार्ड’

डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय
डीडीयू (गोरखपुर विश्वविद्यालय) के प्रो. डॉ. राजर्षि कुमार गौर UPCAR में डिप्टी डायरेक्टर जनरल नियुक्त, 'बेस्ट साइंटिस्ट अवार्ड 2024-25' से भी सम्मानित। उनके उत्कृष्ट शोध कार्यों को मिली पहचान।
डीडीयू के प्रो. राजर्षि कुमार गौर UPCAR में डिप्टी डायरेक्टर जनरल नियुक्त, मिला 'बेस्ट साइंटिस्ट अवार्ड'
प्रो. डॉ. राजर्षि कुमार गौर

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. डॉ. राजर्षि कुमार गौर को उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (UPCAR), लखनऊ में डिप्टी डायरेक्टर जनरल (अनुसंधान परियोजना प्रबंधन एवं समन्वयक) के पद पर प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया गया है। यह विश्वविद्यालय के लिए एक अत्यंत गौरव का विषय है।

इस महत्वपूर्ण नियुक्ति के साथ ही, प्रो. गौर को उनके उत्कृष्ट शोध कार्यों के लिए “बेस्ट साइंटिस्ट अवार्ड 2024-25” से भी सम्मानित किया गया है।

यूपीसीएआर: कृषि अनुसंधान का शीर्ष स्वायत्त निकाय

यूपीसीएआर उत्तर प्रदेश सरकार का एक स्वायत्त शीर्ष निकाय है। यह कृषि एवं सहायक विज्ञानों के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और तकनीकी हस्तांतरण को योजनाबद्ध ढंग से समन्वित और प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। प्रो. गौर की इस पद पर नियुक्ति कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को नई दिशा देने में सहायक होगी।

प्रो. गौर की उत्कृष्ट अकादमिक और शोध उपलब्धियां

प्रो. राजर्षि कुमार गौर एक प्रख्यात वैज्ञानिक हैं, जिनकी अकादमिक और शोध उपलब्धियां बेहद प्रभावशाली हैं:

  • उन्होंने अब तक 130 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।
  • Springer, Elsevier, Taylor and Francis जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों से उनकी 30 से अधिक संपादित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
  • वे नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़, इंडिया के सदस्य हैं और इंडियन वायरोलॉजिकल सोसाइटी के फेलो के रूप में सम्मानित हैं।
  • इसके साथ ही, वे रॉयल सोसाइटी ऑफ बायोलॉजी, लंदन के भी फेलो हैं, जो उनकी अंतरराष्ट्रीय ख्याति को दर्शाता है।
  • प्रो. गौर ने कई देशों में पोस्ट डॉक्टोरल अध्ययन और शोध सहयोग हेतु भ्रमण किया है तथा अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
  • वे इंटरनेशनल कमेटी फॉर टैक्सोनॉमी ऑफ वायरस के सक्रिय सदस्य भी हैं।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने प्रो. गौर को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, “यह विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।” प्रो. गौर की यह नियुक्ति और सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान को दर्शाते हैं, बल्कि गोरखपुर विश्वविद्यालय के अकादमिक उत्कृष्टता के बढ़ते स्तर का भी प्रमाण हैं।



गो गोरखपुर ब्यूरो

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