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गोरखपुर नगर निगम में अब हर काम आनलाइन, आफिस दौड़ने की झंझट खत्म

गोरखपुर नगर निगम न्यूज़ | Nagar Nigam Gorakhpur News | Municipal Corporation Gorakhpur News

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गोरखपुर। गोरखपुर नगर निगम पूरी तरह से पेपरलेस होने की राह पर चल पड़ा है। निगम ने अब ई-ऑफिस प्रणाली को लागू करना शुरू कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में फाइलों का बोझ लगभग खत्म हो जाएगा। इस डिजिटल पहल से न केवल कामकाज की गति बढ़ेगी, बल्कि नगर निगम की कार्यशैली को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाने का लक्ष्य भी पूरा होगा। अब पत्रावलियां टेबल-दर-टेबल घूमने के बजाय कंप्यूटर से कंप्यूटर तक पहुंचेंगी, जिससे काम में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।

डिजिटल प्रक्रिया से बढ़ेगी पारदर्शिता और जवाबदेही

ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने के बाद फाइल निर्माण, उसकी प्रोसेसिंग (आगे बढ़ाना) और आदेश जारी करने तक का पूरा कार्य एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए किया जाएगा। अभी तक पत्रावलियों को कंप्यूटर पर टाइप करने के बाद प्रिंट करके फाइलों में जोड़ा जाता था, जिन्हें भौतिक रूप से एक टेबल से दूसरे टेबल पर भेजा जाता था। इस प्रक्रिया में अक्सर देरी होने या अन्य प्रकार की शिकायतें सामने आती थीं। नई व्यवस्था से समय की बचत होगी और काम में गड़बड़ियों की आशंका न्यूनतम हो जाएगी। अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने इस बारे में कहा कि ई-ऑफिस व्यवस्था से सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी।

अधिकारियों-कर्मचारियों को जारी किए गए डिजिटल सिग्नेचर

डिजिटल प्रक्रिया को सुचारु और आसान बनाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने 110 अधिकारियों और कर्मचारियों को डिजिटल सिग्नेचर जारी किए हैं। ये डिजिटल सिग्नेचर ऑनलाइन फाइलों के सत्यापन (वेरिफिकेशन) और अनुमोदन (अप्रूवल) के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इससे न केवल दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी देने में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा। कार्य में एकरूपता बनाए रखने के लिए यह व्यवस्था नगर निगम के सभी विभागों में अनिवार्य कर दी गई है।

नागरिकों को सीधे मिलेगा त्वरित लाभ

ई-ऑफिस व्यवस्था का सीधा लाभ शहर के नागरिकों को भी मिलेगा। इस प्रणाली के माध्यम से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, संपत्ति कर और अन्य नागरिक सेवाओं से जुड़ी फाइलें अब अधिक शीघ्रता से निपटाई जा सकेंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब नागरिक ऑनलाइन ही अपने आवेदन की स्थिति (स्टेटस) को ट्रैक कर सकेंगे। इससे उन्हें अनावश्यक रूप से निगम कार्यालय के चक्कर लगाने की भाग-दौड़ से मुक्ति मिलेगी और उनका समय भी बचेगा।

Priya Srivastava

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Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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