मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में ₹98 लाख की लागत से रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन लैब बनेगी। साथ ही, इस सत्र से रोबोटिक्स और ऑटोमेशन में माइनर डिग्री पाठ्यक्रम भी शुरू होगा।
गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में अब अत्याधुनिक रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन लैब स्थापित की जाएगी। इस लैब का निर्माण ₹98 लाख की लागत से होगा, जिसकी स्थापना के लिए विस्तृत प्रस्ताव मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राबेश कुमार सिंह ने तैयार किया है। इस प्रस्ताव को विद्या परिषद् और वित्त समिति की स्वीकृति भी मिल चुकी है, और अब लैब की स्थापना के लिए आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी की जा रही हैं।
इतना ही नहीं, इस सत्र से एमएमएमयूटी रोबोटिक्स और ऑटोमेशन में माइनर डिग्री भी देने जा रहा है, जो छात्रों को भविष्य की तकनीकी ज़रूरतों के लिए तैयार करेगा।
रोबोटिक्स और ऑटोमेशन का महत्व और विश्वविद्यालय का दृष्टिकोण
रोबोटिक्स और ऑटोमेशन तकनीक ने विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। कारखानों में स्वचालित मशीनें तेज़ी और सटीकता के साथ कार्य करती हैं, जिससे लागत कम होती है और गुणवत्ता बढ़ती है। इन तकनीकों ने मानव श्रम को खनन या रासायनिक संयंत्रों जैसे जोखिम भरे कार्यों से भी मुक्त किया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी रोबोटिक सर्जरी और ऑटोमेटेड डायग्नोस्टिक्स ने उपचार की सटीकता और पहुँच में सुधार किया है। इसके अलावा, ये प्रौद्योगिकियाँ रोबोट डिज़ाइन और रखरखाव जैसे नए रोज़गार के अवसर भी पैदा करती हैं।
एमएमएमयूटी में लंबे समय से परंपरागत पाठ्यक्रमों के साथ-साथ नई प्रौद्योगिकी पर केंद्रित पाठ्यक्रमों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसी ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए न केवल रोबोटिक्स और ऑटोमेशन की लैब स्थापित की जा रही है, बल्कि इस वर्ष से बी.टेक की विभिन्न शाखाओं के लिए रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन में माइनर डिग्री पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।
माइनर डिग्री पाठ्यक्रम की संरचना
यह माइनर डिग्री पाठ्यक्रम कुल 20 क्रेडिट का होगा। बी.टेक की किसी भी शाखा का द्वितीय वर्ष का विद्यार्थी यह माइनर डिग्री पाठ्यक्रम ले सकता है। माइनर डिग्री में विद्यार्थी को रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन से संबंधित 4-4 क्रेडिट के कुल पाँच पेपर पढ़ने होंगे। ये पाँच पेपर निम्नलिखित होंगे:
- इंट्रोडक्शन टू रोबोटिक्स (Introduction to Robotics)
- इंट्रोडक्शन टू एंबेडेड सिस्टम्स एंड माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्रामिंग (Introduction to Embedded Systems and Microcontroller Programming)
- सेंसर एंड एक्चुएटर्स (Sensor and Actuators)
- इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन (Industrial Automation)
- मैकेनिक्स ऑफ रोबोटिक्स (Mechanics of Robotics)
ये पाँच पेपर उत्तीर्ण कर लेने पर विद्यार्थी को रोबोटिक्स और ऑटोमेशन में माइनर डिग्री प्रदान की जाएगी। इस माइनर डिग्री से न केवल विद्यार्थियों का कौशल बढ़ेगा, बल्कि उनके प्लेसमेंट में भी सुधार होगा।
लैब में उपलब्ध होंगे उन्नत उपकरण
इस प्रयोगशाला में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने हेतु विभिन्न उन्नत उपकरण उपलब्ध होंगे, जैसे:
- रोबोट आर्टिकुलेटेड विद वेल्डिंग एप्लीकेशन (Robot Articulated with Welding Application)
- रोबोट कोलैबोरेटिव विद विजन सेंसर एंड ग्रिपर (Robot Collaborative with Vision Sensor and Gripper)
- एडवांस पीएलसी ट्रेनर किट (Advanced PLC Trainer Kit)
- एडवांस इलेक्ट्रोन्युमेटिक ट्रेनर किट (Advanced Electroneumatic Trainer Kit)
- एडवांस इलेक्ट्रो हाइड्रॉलिक ट्रेनर किट (Advanced Electro Hydraulic Trainer Kit)
- वर्कस्टेशन (Workstation)
यह प्रयोगशाला विश्वविद्यालय के लिए राजस्व भी अर्जित करेगी। प्रयोगशाला के माध्यम से न केवल एमएमएमयूटी के विद्यार्थियों को, बल्कि बाहर के विद्यार्थियों को भी अल्पकालीन प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। इसके साथ ही प्रयोगशाला को उन्नत अनुसंधान केंद्र के रूप में भी विकसित करने की योजना है।
माननीय कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान और विकास के लिए कटिबद्ध है और उच्च गुणवत्ता के शोध के लिए कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता के शोध से विद्यार्थियों, संस्थान, समाज और राष्ट्र सभी को लाभ मिलेगा। रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन लैब स्थापित होने से उद्योगों को प्रशिक्षित कार्यबल मिलेगा और उच्च स्तरीय शोध भी हो सकेगा, जिससे विद्यार्थियों, विभाग एवं विश्वविद्यालय सभी को अकादमिक लाभ होगा और वित्तीय संसाधन भी बढ़ेंगे। यह पहल छात्रों को उद्योग की बदलती मांगों के अनुरूप तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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