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यूपी पुलिस भर्ती: बचपन की ‘नादानी’ ने छीन ली नौकरी! 93 सफल अभ्यर्थियों को नहीं मिला नियुक्ति पत्र, जानें क्यों

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यूपी पुलिस भर्ती में 93 सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिले, बचपन के मुकदमों के कारण अटकी नौकरी। बैकग्राउंड चेक में खुलासा, अब कोर्ट से बरी होने पर ही मिलेगा मौका।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा का परिणाम आने के बाद लखनऊ के डिफेंस एक्सपो में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया था, जहाँ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। लेकिन, इस समारोह में 93 ऐसे अभ्यर्थी थे, जो परीक्षा पास करने के बावजूद नियुक्ति पत्र प्राप्त नहीं कर सके। इसकी वजह उनके खिलाफ दर्ज विभिन्न मुकदमे हैं, जिनमें से कई मामले उनके बचपन के हैं।

बैकग्राउंड चेक में खुला राज, नौकरी अटकी

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद, सभी सफल अभ्यर्थियों के बैकग्राउंड की गहन जाँच कराई गई। इसी जाँच के दौरान यह बात सामने आई कि 93 अभ्यर्थियों के खिलाफ किसी न किसी मामले में मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से कई मामले मारपीट या गाली-गलौज जैसे छोटे-मोटे विवादों से जुड़े थे, जो उनके बचपन में दर्ज हुए थे। अब इन्हीं मामलों का खामियाजा इन अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी गँवाकर भुगतना पड़ रहा है।

नौकरी पाने के लिए अब क्या है रास्ता?

इन 93 अभ्यर्थियों को फिलहाल नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए हैं। पुलिस ऑफिस की ओर से उन्हें सलाह दी गई है कि उन्हें दो स्थितियों में ही नियुक्ति पत्र मिल सकते हैं:

  1. स्थिति बेदाग हो: यदि वे अपने ऊपर दर्ज मुकदमों में बरी हो जाते हैं या किसी तरह से केस खत्म/सुलह करा लेते हैं और अपनी स्थिति को पूरी तरह बेदाग साबित कर देते हैं।
  2. हाईकोर्ट से आदेश: यदि उनके पास हाईकोर्ट से अपने पक्ष में कोई आदेश आता है।

अब ये सभी अभ्यर्थी अपने-अपने ऊपर दर्ज मामलों को सुलझाने की कोशिश में जुट गए हैं। हालांकि, जिन लोगों ने अपने शपथ पत्र में गलत जानकारी दी थी, उनके पास फिलहाल कोई और विकल्प नहीं है।

यह घटना उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी सीख है कि बचपन में की गई छोटी-मोटी ‘नादानियाँ’ और झगड़े भी भविष्य में सरकारी नौकरी के सपने को तोड़ सकते हैं। इस घटना ने एक बार फिर चरित्र सत्यापन के महत्व को उजागर किया है।

ज्ञात हो कि इस नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में पूरे राज्य से चयनित अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इनमें से गोरखपुर से चयनित 1498 अभ्यर्थियों में से 1368 छात्र शामिल थे, जिनमें 268 महिला अभ्यर्थी भी थीं।



Research Desk

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