गोरखपुर: जिले के कैम्पियरगंज क्षेत्र में एक सनसनीखेज़ घटना सामने आई है, जहां प्रेम-प्रसंग से नाराज़ एक भाई ने अपनी सगी बहन की नहर में डुबोकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी ने शव को घर से कुछ ही दूरी पर खेत में फेंक दिया और कुछ देर बाद खुद पुलिस को फोन कर इस खौफनाक वारदात की सूचना दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी भाई को हिरासत में ले लिया है। पुलिस प्रथम दृष्टया इस मामले को ऑनर किलिंग से जुड़ा मान रही है।
ऑनर किलिंग का शक: 19 वर्षीय इंटर की छात्रा की हत्या
यह घटना कैम्पियरगंज क्षेत्र के भौराबारी गांव की है। आरोपी भाई की पहचान आदित्य यादव के रूप में हुई है, जिसने सोमवार की सुबह अपनी 19 वर्षीय बहन नित्या यादव की हत्या कर दी। मृतका नित्या इंटर की छात्रा थी। बताया जा रहा है कि आदित्य अपनी बहन के एक युवक से प्रेम संबंधों को लेकर बेहद नाराज़ था। उसने कई बार नित्या को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं मानी तो आदित्य ने यह खौफनाक कदम उठा लिया। पुलिस के अनुसार, आरोपी भाई ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि उसने बहन के प्रेम-प्रसंग से परेशान होकर उसकी हत्या की है।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम: नहर में डुबोया फिर खेत में फेंका शव
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार की सुबह नित्या यादव कहीं जाने के लिए घर से निकली थी, तभी उसका भाई आदित्य यादव उसके पीछे-पीछे चला गया। जब नित्या धबिना नहर के पास पहुंची, तभी आदित्य ने उसे पकड़ लिया और जबरन नहर में डुबो दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद आरोपी ने बहन के शव को करीब ढाई किलोमीटर दूर ले जाकर एक धान के खेत में फेंक दिया और घर लौट आया। कुछ घंटों बाद आदित्य ने खुद कैम्पियरगंज पुलिस को फ़ोन कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
आरोपी भाई गिरफ्तार: पुलिस कर रही गहन पूछताछ
वारदात की सूचना पर तत्काल थानाध्यक्ष राकेश रोशन सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और धान के खेत से शव बरामद किया। पुलिस ने मृतका के भाई आदित्य यादव की हरकतें और बातचीत करने के ढंग को देखते हुए उसे तुरंत हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू की। गहन पूछताछ के बाद आरोपी भाई ने पूरे मामले से पर्दा उठा दिया और बहन की हत्या की बात स्वीकार कर ली। थानाध्यक्ष राकेश रोशन सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला ऑनर किलिंग का लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का सही पता चल पाएगा।