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लखनऊ आईटी सिटी अपडेट: दिवाली पर होगी ‘जमीन’ की बारिश! आ रही ₹14000 करोड़ की IT सिटी

लखनऊ आईटी सिटी अपडेट: दिवाली पर होगी 'जमीन' की बारिश!
लखनऊ आईटी सिटी: लखनऊ में बहुप्रतीक्षित आईटी सिटी योजना दिवाली 2025 तक लॉन्च हो सकती है, 2858 एकड़ में 5000 भूखंड। किसान लैंड पूलिंग से मालामाल, साथ ही स्वामित्र विहार और अनंत नगर योजनाएं भी जल्द।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रियल एस्टेट सेक्टर और विकास को नई गति मिलने वाली है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की बहुप्रतीक्षित आईटी सिटी योजना अब धरातल पर आने को तैयार है, जिसके इस साल दिवाली के आसपास लॉन्च होने की प्रबल संभावना है। यह योजना न केवल हजारों आवासीय और वाणिज्यिक भूखंड उपलब्ध कराएगी, बल्कि लैंड पूलिंग नीति के ज़रिए किसानों को भी अभूतपूर्व लाभ पहुँचाएगी।

लखनऊ आईटी सिटी अपडेट: दिवाली पर होगी 'जमीन' की बारिश! आ रही ₹14000 करोड़ की IT सिटी
लखनऊ आईटी सिटी परियोजना का मैप प्लान. स्रोत: यूपी हाउसिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड

आईटी सिटी: एक भव्य योजना का आकार

यह महत्वाकांक्षी आईटी सिटी योजना लगभग 2858 एकड़ जमीन में विकसित की जा रही है, जिसमें कुल मिलाकर 5000 भूखंड विकसित किए जाएंगे। इनमें 72 वर्ग मीटर से लेकर 200 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंड शामिल होंगे। इसके अलावा, ग्रुप हाउसिंग के भूखंड भी विकसित किए जाएंगे, जिन्हें बिल्डर्स खरीदकर बहुमंजिला भवन बना सकेंगे।

योजना में 445.65 एकड़ क्षेत्र औद्योगिक गतिविधियों के लिए और 260 एकड़ व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आरक्षित किया गया है। पर्यावरण के अनुकूल इस योजना में 200 एकड़ की ग्रीन बेल्ट में गोल्फ सिटी और 15 एकड़ में वाटर बॉडी भी बनाई जाएगी, जो इसे और आकर्षक बनाएगी।

लखनऊ आईटी सिटी अपडेट: दिवाली पर होगी 'जमीन' की बारिश! आ रही ₹14000 करोड़ की IT सिटी
लखनऊ आईटी सिटी योजना के तहत किया जा रहा विकास कार्य. फोटो: राकेश कुमार

किसानों के लिए वरदान ‘लैंड पूलिंग’ नीति

इस योजना की सबसे खास बात यह है कि किसान खुद आगे बढ़कर अपनी ज़मीन देने को तैयार हैं। दरअसल, लैंड पूलिंग नीति के तहत यदि किसान अपनी जमीन देते हैं, तो उन्हें कुल जमीन का 25% विकसित ज़मीन के रूप में वापस मिलेगी। एक उदाहरण से समझें तो, मोहारी खुर्द में अभी ज़मीन का सर्किल रेट ₹8 लाख प्रति बीघा है। सामान्य मुआवजे की दर से 4 गुना कैलकुलेशन पर 1 बीघा में ₹32 लाख मिलेंगे। लेकिन, यदि किसान लैंड पूलिंग से 1 बीघा जमीन देते हैं, तो उन्हें 25% विकसित जमीन वापस मिलेगी, जिसका क्षेत्रफल लगभग 6800 वर्ग फीट होगा। इसकी मौजूदा बाज़ार कीमत लगभग ₹3 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। यह बड़ा अंतर किसानों को योजना में ज़मीन देने के लिए उत्साहित कर रहा है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण को मोहारी कला और मोहारी खुर्द गांव की लगभग 200 बीघा जमीन का कब्ज़ा मिल चुका है, और इन पर विकास कार्य शुरू किए जा रहे हैं। आईटी सिटी योजना के अंतर्गत मोहनलालगंज तहसील के ग्राम बकास, सोनई, कंजेरा, सिकंदरपुर, अमेलिया, सिद्धपुरा, परहेटा, पहाड़ नगर, टिकरिया, रकीबाबाद, मोहारी खुर्द, मोहारी कला, खुजली और भटवारा जैसे गांव की ज़मीन शामिल की जा रही है।

बेहतरीन कनेक्टिविटी और आगामी लॉन्च

इस योजना की कनेक्टिविटी इसे और भी खास बनाती है। यह योजना सीधे सुल्तानपुर रोड से जुड़ी हुई है और सुल्तानपुर रोड तथा किसान पथ के बीच में पड़ती है, जिससे आवागमन बेहद सुगम होगा।

जैसा कि 200 बीघा जमीन पर विकास कार्य शुरू हो गए हैं, यह उम्मीद की जा रही है कि आईटी सिटी योजना को दिवाली 2025 के आसपास लॉन्च किया जा सकता है, जिसमें 5000 भूखंडों के लिए आवेदन शुरू होंगे।

2025 में लखनऊ की अन्य बड़ी योजनाएँ

आईटी सिटी के साथ-साथ, लखनऊ में 2025 में दो और बड़ी योजनाएं लॉन्च होने की संभावना है:

  1. स्वामित्र विहार योजना (उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की न्यू ज़ेब योजना): यह योजना भी जल्द ही आवेदन के लिए आ सकती है। इसमें लगभग 500 से 1000 भूखंड मिलने की संभावना है। रेरा रजिस्ट्रेशन की तैयारी पूरी हो चुकी है।
  2. अनंत नगर योजना (द्वितीय चरण): लखनऊ विकास प्राधिकरण की मोहान रोड पर स्थित अनंत नगर योजना का पहला चरण बुक हो चुका है, और इसका द्वितीय चरण भी 2025 में ही आ सकता है, जिसमें लगभग 1000 आवासीय भूखंडों के लिए आवेदन प्राप्त किए जा सकते हैं।

कुल मिलाकर, 2025 में लखनऊ में लगभग 5000 से 8000 भूखंडों की योजनाएं आ सकती हैं, जो रियल एस्टेट निवेशकों, बिल्डरों और घर खरीदने वालों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करेंगी। इतने बड़े पैमाने पर भूखंडों की योजनाएं लंबे समय बाद लखनऊ में लॉन्च हो रही हैं।



Amit Srivastava

Amit Srivastava

About Author

गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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