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रंगों के पर्व पर इस बार गोरखपुर में कटहल की क्यों हुई बल्ले-बल्ले

Go Gorakhpur - Jackfruit in trend on Holi

Go Gorakhpur - Jackfruit in trend on Holi

Holi 2024: गोरखपुर में इस बार होली पर्व पर कटहल की बल्ले-बल्ले है. असल में इस बार शहर में होली 26 मार्च को मनेगी. इस दिन मंगलवार पड़ने की वजह से मांसाहर के शौकीनों को अपना मेन्यू बदलना पड़ रहा है. इसे देखते हुए बाजार ने भी अपना पैंतरा बदल दिया है. लोकल मार्केट के ‘मैनेजर’ हर वह चीज़ स्टॉक करने में लगे हुए हैं जो मांसाहार का विकल्प हो सकता है. ऐसे में कटहल की मौज है.

होली एक पारंपरिक त्योहार है जिसमें खानपान से लेकर रिश्ते नातों की महिमा, ​गरिमा का पूरा खयाल रखना होता है. पूर्वांचल में ज्यादातार लोग आहार से जुड़ी परंपराओं का पालन करते हैं. मंगलवार, गुरुवार, शनिवार का दिन खास तौर से मांसाहार के लिए ठीक नहीं माना जाता है. ऐसे में अगर होली मंगलवार को मनेगी तो उस दिन ज्यादातर लोग मांसाहार से तौबा करेंगे.

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शुद्ध सात्विक माने जाने वाले दिन रंग पर्व पड़ने की वजह से इस बार मांस के कारोबारी जहां निराश हैं, वहीं वेज फूड का बिजनेस बूम करने की उम्मीद की जा रही है. सब्जी के कारोबारियों ने इस बार कटहल पर दांव खेला है. कटहल, मांसाहार का स्वाद देने वाली सब्जी मानी जाती है. अक्सर शाकाहारी लोग यह क​हते सुने जाते हैं कि कटहल के स्वाद के आगे मांसाहार फेल है. कटहल के इसी गुण का लाभ उठाने के लिए इस बार बाजार तैयार है.

बाजार से जुड़े जानकारों की मानें तो इस बार सब्जी के बड़े कारोबारियों ने कटहल का स्टॉक जमा कर लिया है. होली तक कटहल की कीमतें बढ़ जाएंगी. वहीं, मशरूम और पनीर खाने वालों की संख्या बढ़ने से इस बार इन दो उत्पादों की भी बहार होगी. स्थानीय दुकानदारों ने होली के लिए मशरूम और पनीर की एडवांस बुकिंग पहले ही कर दी है ताकि होलिका दहन से लेकर होली तक उनके पास पर्याप्त सामान मौजूद हो और ग्राहक लौटकर जाएं नहीं.

Priya Srivastava

Priya Srivastava

About Author

Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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