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साहित्य से संगीत तक: मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति ने महोत्सव को दिया सुरमयी समापन

साहित्य से संगीत तक: मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति ने महोत्सव को दिया सुरमयी समापन

गोरखपुर: गोरखपुर पुस्तक महोत्सव का समापन लोकसंगीत की मधुर संध्या के साथ हुआ। महोत्सव के आखिरी दिन मशहूर लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने अपनी प्रस्तुति से सांस्कृतिक मंच को सजाया और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके सुरों के जादू ने शाम को सुरमयी बना दिया और पूर्वांचल की धरती को लोक सांस्कृतिक विरासत से सराबोर कर दिया। श्रोताओं ने उत्साह के साथ मालिनी अवस्थी का साथ दिया और झूमकर इस आयोजन को यादगार बनाया। दिन की शुरुआत साहित्यिक और बच्चों के लिए विशेष आयोजनों से हुई, जिसने महोत्सव को एक सफल मुकाम दिया।

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लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने बिखेरा सुरों का जादू

महोत्सव के अंतिम दिन की शाम पूरी तरह से लोकसंगीत के नाम रही। जैसे-जैसे शाम ढलती गई, लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने एक के बाद एक मनमोहक लोकगीतों की प्रस्तुति दी, जिससे माहौल और भी जीवंत होता गया। मालिनी अवस्थी के गीतों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया और पूरे आयोजन को एक अविस्मरणीय सांस्कृतिक अनुभव में बदल दिया। उनकी प्रस्तुति ने गोरखपुर के लोगों को अपनी समृद्ध लोक विरासत से फिर से जोड़ा।

बच्चों के लिए विशेष स्टोरी टेलिंग और डूडल आर्ट

समापन दिवस पर साहित्यिक आयोजनों की शुरुआत बच्चों के लिए एक मनोरंजक स्टोरी टेलिंग सेशन से हुई। शिखा गर्ग ने ‘चंद्रमा की कहानी’ सुनाई, जिसमें उन्होंने चंद्रमा के अपने आकार का कुर्ता सिलवाने के संघर्ष को बच्चों के सामने रखा। कहानी सुनकर बच्चे मंत्रमुग्ध हो गए और उन्होंने कल्पना में खोकर गाना भी गाया कि चंद्रमा खुशी से अपना चमकदार कुर्ता दिखा रहा है। इसके बाद, डूडल आर्ट कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें छात्रों को डूडलिंग की मजेदार, रचनात्मक और एकाग्रता बढ़ाने वाली दुनिया से परिचित कराया गया। बच्चों ने मुद्रित पैटर्न का उपयोग करते हुए अपने डिज़ाइनों को जीवंत रंगों से भरा और अपनी अनूठी कलाकृतियाँ बनाने के अनुभव का खूब आनंद लिया।

राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय पर ओरिएंटेशन सत्र

दिन के अंत में, राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय (National E-Library) पर एक महत्वपूर्ण ओरिएंटेशन सत्र आयोजित किया गया। सतीश यादव ने छात्रों को डिजिटल लाइब्रेरी प्लेटफॉर्म से परिचित कराया, जिससे वे घर बैठे हजारों किताबों तक पहुंच सकते हैं। बच्चों को क्यूआर कोड वाले बुकमार्क दिए गए, जिससे वे आसानी से एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकें और 23 विभिन्न भाषाओं में विभिन्न शैलियों की हजारों पुस्तकों को पढ़ सकें। यह सत्र डिजिटल साक्षरता और पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

गोरखपुर के लोगों के उत्साह की सराहना

समापन समारोह को संबोधित करते हुए नेशनल बुक ट्रस्ट (National Book Trust) के निदेशक युवराज मलिक ने गोरखपुर के लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के निवासियों ने पुस्तकों के इस महाकुंभ को पूरे समर्पण और उत्साह के साथ मनाया है, जो इस आयोजन की सफलता का प्रमाण है।


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Priya Srivastava

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About Author

Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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