गोरखपुर: प्रकाश का महापर्व दीपावली पूरे देश में आज आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस वर्ष वैधृति योग, वृष लग्न और हस्त नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस विशेष मुहूर्त में की गई पूजा से घर में धन-धान्य और समृद्धि का वास होता है। गोरखपुर में इस अवसर पर राप्ती तट पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वनटांगिया गांव में दीपावली की खुशियां साझा करेंगे।
विज्ञापन
महालक्ष्मी पूजन का यह है शुभ मुहूर्त
पंडित उदयभान मिश्र के अनुसार, इस वर्ष दीपावली पर शाम 5:41 बजे सूर्यास्त होगा, जिसके बाद वृष की स्थिर लग्न रात्रि 9:06 बजे तक रहेगी। यह समय भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर के पूजन के लिए सबसे उत्तम है। इसी प्रदोष काल में दीपदान, बही-खाता पूजन और अन्य अनुष्ठान करना भी श्रेष्ठ फलदायी होगा। इसके अतिरिक्त, जो भक्त मां काली की आराधना करते हैं, उनके लिए मध्यरात्रि 12:58 बजे से 3:19 बजे तक का समय सर्वाधिक उपयुक्त बताया गया है।
इस विधि से करें लक्ष्मी-गणेश की पूजा
पंडित उदयभान मिश्र ने लक्ष्मी पूजन की विस्तृत विधि बताते हुए कहा कि पूजा स्थान को अच्छी तरह सजाकर एक आसन पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। साथ ही धन के देवता कुबेर की प्रतिमा भी रखें। पूजन में नारियल, मिष्ठान, कमल का फूल, धूप, घी का दीपक, अक्षत, रोली, कुमकुम और पंचामृत अवश्य शामिल करें। पूजा के दौरान कमलगट्टे की माला से “ओम श्रीं हृीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद ओम श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:” मंत्र का 108 बार जाप करने से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। पूजन का समापन कपूर से आरती करके और प्रसाद वितरण के साथ करना चाहिए।
शहर में दीपोत्सव की धूम
दीपावली के उल्लास में शहर भर में भव्य आयोजन किए जा रहे हैं। छोटी दिवाली की संध्या पर राप्ती संस्कृति संरक्षण न्यास की ओर से राप्ती नदी के राम घाट पर “दिव्य दीपोत्सव” का आयोजन किया गया। मेयर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जहाँ लगभग 11 हजार दीपों से पूरा घाट जगमगा उठा।
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी परंपरा को निभाते हुए इस वर्ष भी वनटांगिया ग्राम जंगल तिकोनिया नंबर तीन में ग्रामवासियों के साथ दीपावली मना रहे हैं।। बतौर मुख्यमंत्री यह नौवां अवसर होगा जब वे वनटांगिया लोगों के बीच खुशियां बांटेंगे।
आस्था के साथ मनी नरक चतुर्दशी
दीपावली से एक दिन पूर्व रविवार को नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया गया। इस दिन लोगों ने यमराज के निमित्त अपने घरों के बाहर देर रात एक चौमुखा दीपक जलाया। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यम का दीया जलाने से परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से रक्षा होती है और घर के सभी दोष दूर होते हैं। बाजारों में भी धनतेरस से लेकर छोटी दिवाली तक पूजन सामग्री, दीये, लावा, गट्टा और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की जमकर खरीदारी हुई।