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गोरखपुर पुलिस का ‘ऑपरेशन क्लीन’ जारी, लेकिन रंजिश में हुए कत्ल की कहानियां हैं उलझी

क्राइम फॉलोअप
गोरखपुर पुलिस ने जिले में संगठित अपराधियों की कमर तोड़कर रख दी है, लेकिन पारिवारिक, जमीन, और निजी रंजिश में हुए कत्ल की कहानियों में उलझन बरकरार है. आज हम आपको ऐसे ही चार बड़ी वारदात का लेटेस्ट अपडेट बता रहे हैं...

गोरखपुर: गोरखपुर पुलिस ने जिले में संगठित अपराधियों की कमर तोड़कर रख दी है और उन्हें सफलतापूर्वक नियंत्रित किया है। हालांकि, जब बात पारिवारिक विवादों, ज़मीन संबंधी झगड़ों और निजी रंजिशों के कारण हुए हत्या के मामलों की आती है, तो पुलिस की उलझन अभी भी बरकरार है। रंजिश की आग में जले ऐसे कई घर-परिवारों में, कहीं तो मुख्य आरोपियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, तो किसी मामले में अभी भी गहरा रहस्य बना हुआ है।

पुलिस जहां एक ओर बड़े और संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है, वहीं व्यक्तिगत दुश्मनी और संपत्ति विवाद जैसे कारणों से होने वाले हत्याकांडों में अभियुक्तों तक पहुंचना या पूरे मामले की गुत्थी सुलझाना पुलिस के सामने एक अलग तरह की चुनौती पेश कर रहा है। गोरखपुर में पिछले दिनों हुई कुछ वारदात की कहानियां तो यही कहानी बयां कर रही है.

चौरीचौरा डबल मर्डर: दो माह बाद भी खुलासा नहीं

चौरीचौरा के शिवपुर चकदहा में 29 मार्च की रात को माँ-बेटी पूनम (45) और उसकी बेटी अनुष्का (13) की गड़ासे से सिर कूचकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य हत्याकांड को दो माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन पुलिस टीम अभी तक घटना का पर्दाफाश नहीं कर सकी है।

इस मामले में मृतका पूनम की बड़ी बेटी खुशबू निषाद ने बुधवार को अपनी मौसी व मामा के साथ सुल्तानपुर के सांसद रामभुआल निषाद के नेतृत्व में सपा कार्यालय पर अखिलेश यादव से मुलाकात की। खुशबू ने अखिलेश यादव को मांग पत्र सौंपकर जल्द घटना के पर्दाफाश और हत्यारोपियों को सज़ा दिलाने की मांग की।

चौरीचौरा पुलिस के मुताबिक, दो माह में 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है और करीब 50 संदिग्ध लोगों का सीडीआर भी निकलवाया गया था। पूरी घटना में चार लोगों को पुलिस संदिग्ध मानते हुए उनका नार्को टेस्ट कराने की फिराक में है, ताकि घटना का पर्दाफाश हो सके। सीओ अनुराग सिंह ने बताया कि जाँच चल रही है और जल्द ही घटना का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

हिस्ट्रीशीटर दिनेश हत्याकांड: प्रधान की रिमांड का इंतजार

गोरखपुर से अपने गाँव बेलीपार के भरवलिया जा रहे हिस्ट्रीशीटर दिनेश की वाराणसी-गोरखपुर हाईवे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी जुगुल निषाद, उसके पुत्र प्रेम निषाद और बाइक से दिनेश को लेकर आने वाले संजय निषाद को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

इस हत्याकांड के बाद प्रधान बजरंगी शाही ने बृहस्पतिवार को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। अब बेलीपार पुलिस प्रधान बजरंगी को रिमांड पर लेने के लिए न्यायालय से आदेश का इंतज़ार कर रही है। पुलिस ने बुधवार को रिमांड की अर्जी दी, लेकिन अभी तक आदेश नहीं मिला है। वहीं, शूटर विवेक सिंह के सरेंडर करने की सूचना पर पुलिस दिनभर न्यायालय में जमी रही, लेकिन वह नहीं आया। पुलिस हत्या में नामजद आरोपी अनिल और अजय की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।

राजेंद्र यादव हत्याकांड: परिवार से पूछताछ, जल्द खुलासे का दावा

सरदारनगर के चौरीचौरा क्षेत्र के बिलारी गांव में राजेंद्र यादव (65) की गला रेतकर हत्या के मामले में पुलिस तीसरे दिन भी जाँच में जुटी रही। बुधवार को क्राइम ब्रांच, एसओजी और स्थानीय पुलिस के साथ सीओ अनुराग सिंह ने घटनास्थल पर जाँच की और राजेंद्र के परिजनों से लगातार चार घंटे तक पूछताछ की। पुलिस ने राजेंद्र के तीनों पुत्रों दिनेश यादव, धर्मेंद्र यादव, मोहन यादव सहित उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से अलग-अलग पूछताछ की, लेकिन अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुँच सकी है।

पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से भी लगातार पूछताछ कर रही है और सर्विलांस टीम का भी सहारा लिया जा रहा है। सीओ ने एक से दो दिन के अंदर इस हत्याकांड का खुलासा करने का दावा किया है। बता दें कि रविवार रात घर पास धान की नर्सरी की रखवाली कर रहे राजेंद्र यादव की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। मृतक के मंझले पुत्र धर्मेंद्र यादव ने पड़ोसी समेत दस नामजद और चार अज्ञात पर केस दर्ज कराया है।

छात्रनेता विशाल सिंह हत्याकांड: धमकी और फरार आरोपी

छात्रनेता विशाल सिंह की हत्या को सात महीने से अधिक का समय बीत चुका है। इस हत्याकांड का चौथा इनामी आरोपी विनोद जायसवाल अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है, हालांकि पुलिस जल्द ही उसकी गिरफ्तारी का दावा कर रही है। हत्याकांड के मुख्य आरोपी रजा खान, राहुल अली और फैज रैनी देवरिया जेल में बंद हैं और उन पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई भी की जा चुकी है।

हाल ही में, विशाल के पिता विनीत सिंह को व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को नंबर उपलब्ध कराया था। एकौना थानाध्यक्ष अभिषेक राय ने मीडिया को बताया है कि नंबर की जाँच की जा रही है और कॉल गाँव से ही आई थी। नंबर बंद मिला है, लेकिन जल्द ही धमकी देने वाले को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। विशाल सिंह की 16 नवंबर की रात को घर से बुलाकर धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी।


Amit Srivastava

Amit Srivastava

About Author

गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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