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गोरखपुर RRB में टेक्नीशियन भर्ती फर्जीवाड़ा: दो रेलकर्मी और उनके बेटों पर लगा गैंगस्टर एक्ट, संपत्ति होगी जब्त

गोरखपुर स्थित रेलवे भर्ती बोर्ड का कार्यालय.
गोरखपुर रेलवे भर्ती बोर्ड में टेक्नीशियन भर्ती फर्जीवाड़े में दो रेलकर्मी और उनके बेटों पर गैंगस्टर एक्ट। अनुपस्थित अभ्यर्थियों की जगह बेटों के नाम जोड़कर फर्जीवाड़ा। पुलिस संपत्ति का ब्योरा जुटा रही है।

गोरखपुर: रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) गोरखपुर द्वारा निकाली गई टेक्नीशियन थर्ड की भर्ती में फर्जी तरीके से अपने बेटों का नाम पैनल में जोड़ने के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है। पुलिस ने आरोपी दो रेलकर्मी और उनके बेटों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। इनमें से एक रेलकर्मी सेवानिवृत्त हो चुका है। पुलिस अब इन चारों आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा जुटाने में लगी है।

आरआरबी के सहायक सचिव एसएन उरांव की तहरीर पर दिसंबर 2024 में फर्जीवाड़ा करने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने जैसी धाराओं में केस दर्ज हुआ था। जिलाधिकारी (डीएम) की संस्तुति के बाद पुलिस ने चारों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है।

सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया, “पुलिस ने रेलवे भर्ती बोर्ड के सहायक सचिव की ओर से आई तहरीर पर सभी आरोपियों पर पहले ही केस दर्ज कर लिया था। डीएम की संस्तुति पर चारों आरोपियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है। चारों आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा लेकर आगे की कार्रवाई में पुलिस जुटी है।”

आरआरबी गोरखपुर से मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली में टेक्नीशियन पद पर नियुक्ति के लिए एक पैनल लिस्ट जारी की गई थी, जिसमें नौ अभ्यर्थियों के नाम शामिल थे। आरोप है कि आरआरबी में कार्यरत तत्कालीन कार्यालय अधीक्षक चंद्रशेखर आर्य और चेयरमैन के तत्कालीन निजी सचिव द्वितीय रामसजीवन ने मिलकर इस पैनल में धांधली की।

सात साल पहले यानी अगस्त 2018 में कंप्यूटर आधारित प्रथम परीक्षा हुई थी, जिसके बाद 21 से 23 जनवरी 2019 तक द्वितीय परीक्षा हुई। 20 जून से 23 जुलाई 2019 तक सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बुलाया गया था। इसी दौरान यह जानकारी सामने आई कि दो अभ्यर्थी (रोल नंबर 451021087010025 एवं 441018096950222) जिनकी कहीं और नौकरी लग चुकी थी, वे सत्यापन के लिए आने वाले नहीं हैं।

इसी का फायदा उठाते हुए, आरोप है कि पहले रोल नंबर पर चंद्रशेखर आर्य के पुत्र सौरभ कुमार और दूसरे पर रामसजीवन के पुत्र राहुल प्रताप का नाम फर्जी तरीके से दर्ज कर दिया गया। यह पैनल 26 अप्रैल 2024 को तैयार हुआ था और मॉडर्न कोच फैक्ट्री भिजवा दिया गया था।

रायबरेली स्थित कोच फैक्ट्री के कार्मिक विभाग की ओर से 4 मई 2024 को आरआरबी के चेयरमैन को पत्र लिखकर पैनल का सत्यापन कराने को कहा गया था। जवाब में 8 मई 2024 को एक पत्र भेजा गया, जिसमें कहा गया था कि यह पैनल आरआरबी गोरखपुर की ओर से ही जारी किया गया था। उस पत्र के नीचे आरआरबी के चेयरमैन के हस्ताक्षर भी थे।

सहायक सचिव ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया था कि यह हस्ताक्षर चेयरमैन के नहीं हैं, बल्कि चंद्रशेखर आर्य की हैंडराइटिंग है। चंद्रशेखर आर्य अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

जिन पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई है, उनमें मॉडल रेलवे कॉलोनी में रहने वाले उरुवा बाजार के अमोढ़ा निवासी पूर्व निजी सचिव द्वितीय रामसजीवन और उनके पुत्र सौरभ कुमार; तथा राप्तीनगर फेज फोर, रेल बिहार रोड में रहने वाले गाजीपुर के सहदात थाने के बरहपार नसरतपुर गांव निवासी पूर्व कार्यालय अधीक्षक चंद्रशेखर आर्य और उनके पुत्र राहुल प्रताप शामिल हैं। पुलिस अब इन सभी आरोपियों की अवैध संपत्तियों का पता लगाकर आगे की कार्रवाई कर रही है।



गो गोरखपुर ब्यूरो

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