गोरखपुर में मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) फेज-2 के तहत पांच सड़कों को 'स्मार्ट' बनाने का काम शुरू हो गया है। 53.68 करोड़ रुपये की लागत से 4000 मीटर लंबी इन सड़कों का निर्माण नवंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। जानें पूरी योजना और इसके प्रमुख बिंदुओं को।
गोरखपुर: गोरखपुर में शहरी विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है। इस योजना के तहत शहर की पांच प्रमुख सड़कों को ‘स्मार्ट’ बनाया जाएगा, जिस पर 53.68 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन सड़कों की कुल लंबाई 4000 मीटर है और निर्माण कार्य नवंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। रविवार को इन सड़कों के निर्माण को लेकर एक संयुक्त सर्वेक्षण किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए। इस सर्वेक्षण में निर्माण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने और भूमिगत लाइनों को शिफ्ट करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। यह परियोजना शहर के ट्रैफिक और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
किन सड़कों को ‘स्मार्ट’ बनाया जाएगा?
इस योजना के तहत शहर की पाँच प्रमुख सड़कों को चुना गया है, जिनमें से कुछ पर काम प्राथमिकता से शुरू किया जाएगा। पहले चरण में, छात्रसंघ चौक से अंबेडकर चौक और अंबेडकर चौक से शास्त्री चौक तक के मार्ग पर काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा, जिन अन्य सड़कों को इस योजना में शामिल किया गया है, वे हैं:
- छात्रसंघ चौक से अंबेडकर चौक और अंबेडकर चौक से शास्त्री चौक
- कचहरी चौराहा से काली मंदिर तक (0.78 किमी)
- अंबेडकर चौक से हरिओम नगर तिराहा होते हुए ऐश्प्रा तिराहा
- हरिओम नगर से कचहरी चौराहा होते हुए टाउनहाल तक (2.37 किमी)
- शिवाय होटल से अग्रसेन तिराहा होते हुए विजय चौक से गणेश चौक तक (1.25 किमी)
इन सड़कों पर स्मार्ट निर्माण के दौरान अंडरग्राउंड यूटिलिटी लाइन्स, बेहतर फुटपाथ और आधुनिक प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
यूटिलिटी शिफ्टिंग और अधिकारियों की बैठक
सड़क निर्माण के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए रविवार को एक संयुक्त सर्वेक्षण का आयोजन किया गया। इस सर्वेक्षण में यूपीपीसीएल, नगर निगम, जलकल, जीडीए, जियो, बीएसएनएल, ट्रैफिक पुलिस, ठेकेदार और परामर्शदाता समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि भूमिगत विद्युत लाइनों के अस्थायी स्थानांतरण की आवश्यकता है, जिसके लिए यूपीपीसीएल को जल्द से जल्द लागत का अनुमान तैयार करने को कहा गया है। इसके अलावा, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को निर्देश दिया गया है कि वे भवन मानचित्र स्वीकृति से पहले नगर निगम से अनिवार्य रूप से एनओसी प्राप्त करें।
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भविष्य की योजनाओं को लेकर निर्देश
सर्वेक्षण के दौरान, नगर आयुक्त ने टोरेंट गैस पाइपलाइन (टीजीपीएल) को शास्त्री चौक से आगे अन्य सड़कों पर भी पाइप लाइन बिछाने के निर्देश दिए हैं। उन्हें भविष्य में संभावित गैस कनेक्शन की मांग का पूर्वानुमान लगाकर आवश्यक तैयारी करने को भी कहा गया। जियो, बीएसएनएल और अन्य ओएफसी सेवा प्रदाताओं से उनकी आगामी योजनाओं की जानकारी मांगी गई है, ताकि ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के लिए डक्ट की पूर्व व्यवस्था की जा सके। यह कदम भविष्य में सड़कों को बार-बार खोदने की जरूरत को खत्म करेगा। जीडीए, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस को मिलकर सड़कों का राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) सीमांकन करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि निर्माण कार्य सुचारू रूप से चल सके।
गोरखपुर स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट
- कुल लागत: ₹53.68 करोड़
- कुल लंबाई: 4000 मीटर
- लक्ष्य समय सीमा: नवंबर 2026
- प्रमुख कार्य:
- भूमिगत विद्युत लाइनें
- फुटपाथ और ड्रेन
- ओएफसी के लिए डक्ट
- आरओडब्ल्यू सीमांकन
- गैस पाइपलाइन
- पहला चरण: शास्त्री चौक से छात्रसंघ चौक
- शामिल एजेंसियां: यूपीपीसीएल, नगर निगम, जलकल, जीडीए, जियो, बीएसएनएल, ट्रैफिक पुलिस, टीजीपीएल