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छात्रों को मानसिक तनाव से बचाएगा प्रशासन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गोरखपुर में बनेगी विशेष कमेटी

गोरखपुर समाचार | गोरखपुर सिटी न्यूज़

गोरखपुर: युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी पहल की है, जिसके तहत गोरखपुर में जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। शासन के स्पष्ट निर्देशों के बाद, अब गोरखपुर के जिलाधिकारी (DM) की अध्यक्षता में एक विशेष कमेटी का गठन किया जा रहा है। इस कमेटी का मुख्य उद्देश्य जिले के सभी स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में जाकर छात्र-छात्राओं की मानसिक स्थिति की नियमित जाँच सुनिश्चित करना है, ताकि किसी भी विद्यार्थी पर इतना मानसिक दबाव न बढ़े कि वह आत्महत्या जैसा दुखद कदम उठाने को मजबूर हो जाए। अधिकारियों का मानना है कि यह व्यवस्था छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

कमेटी का स्वरूप और उद्देश्य

गठित की जा रही इस विशेष कमेटी में जिलाधिकारी के साथ-साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह उच्च-स्तरीय कमेटी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप काम करेगी। इसका सबसे बड़ा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विद्यार्थियों को समय पर परामर्श और सहायता मिले। प्रशासन का मानना है कि यदि युवाओं की मानसिक स्थिति पर समय रहते ध्यान दिया गया और उन्हें उचित परामर्श व सहायता उपलब्ध कराई गई, तो आत्महत्या जैसी दुखद घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकेगा।

नियमित जाँच और परामर्श केंद्र की स्थापना

शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह कमेटी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में छात्र-छात्राओं की नियमित जाँच कराएगी। इसके अलावा, संस्थानों में तत्काल सहायता सुनिश्चित करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और परामर्श केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों का लक्ष्य यह होगा कि छात्र बिना किसी संकोच के खुलकर अपनी समस्याएं साझा कर सकें और समय पर पेशेवर मदद प्राप्त कर सकें। यह पहल तनावग्रस्त विद्यार्थियों को जल्द से जल्द राहत प्रदान करने में सहायक होगी।

दाखिले के समय मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी

छात्र आत्महत्या रोकथाम की इस व्यापक योजना के तहत, अब दाखिले के समय ही छात्रों से उनके मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक माहौल और संभावित तनाव के स्रोतों के बारे में आवश्यक जानकारी ली जाएगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि शुरुआत से ही ऐसे विद्यार्थियों की पहचान की जा सके जो भावनात्मक रूप से कमजोर हैं। जिन विद्यार्थियों में अवसाद या मानसिक तनाव के लक्षण दिखाई देंगे, उन्हें तत्काल काउंसलिंग और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गोरखपुर में इस नई और महत्वपूर्ण व्यवस्था पर काम शुरू कर दिया गया है।


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गो गोरखपुर ब्यूरो

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