Last Updated on September 1, 2025 7:49 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनीता को उनके शोध 'नैनोस्ट्रक्चर्ड मटेरियल्स' के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद से 14.36 लाख रुपये का अनुदान मिला है। इस परियोजना का उद्देश्य पानी में मौजूद जहरीले धातु आयनों का पता लगाने के लिए एक प्रभावी सेंसर विकसित करना है।

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) के रसायन विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनीता को उत्तर प्रदेश राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (CSTUP) ने एक महत्वपूर्ण शोध परियोजना के लिए 14.36 लाख रुपये का अनुदान दिया है। यह शोध-अनुदान उनके रिसर्च क्षेत्र ‘नैनोस्ट्रक्चर्ड मटेरियल्स: विषैले धातु आयनों के लिए एक कुशल सेंसर’ पर काम करने के लिए दिया गया है। इस परियोजना का लक्ष्य एक ऐसा शक्तिशाली सेंसर विकसित करना है जो पानी में मौजूद जहरीले धातु आयनों का सटीक परीक्षण कर सके।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी नैनोमैटिरियल्स-आधारित सेंसर प्रणाली बनाना है जो अत्यधिक स्थिर हो और जल में घुले सीसा (लेड) और पारा (मरकरी) जैसे हानिकारक धातु आयनों को प्रभावी ढंग से सोख सके।
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इस शोध के लिए डॉ. विनीता को तीन वर्षों की अवधि के लिए कुल 14.36 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। इस राशि का उपयोग सेंसर के विकास के साथ-साथ एक जूनियर रिसर्च एसोसिएट (JRA) की नियुक्ति और अन्य शोध-संबंधी खर्चों के लिए किया जाएगा।
डॉ. विनीता ने अपनी शोध-प्रशिक्षण काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और आईआईटी बीएचयू से प्राप्त की है। इस उपलब्धि पर डी.डी.यू. की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने उन्हें बधाई दी और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी और पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सुधा यादव सहित अन्य शिक्षकों और सहयोगियों ने भी डॉ. विनीता को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि वह इस प्रोजेक्ट के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करेंगी।