बुद्धमय विश्व: गोरखपुर में लगी 150 देशों के डाक टिकटों के अद्भुत संग्रह की प्रदर्शनी

गोरखपुर: राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर एक अभूतपूर्व प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसने दर्शकों को बुद्ध के वैश्विक प्रभाव से परिचित कराया। इस विशेष प्रदर्शनी में दुनिया के लगभग 150 देशों द्वारा भगवान बुद्ध पर जारी किए गए हजारों प्रकार के दुर्लभ डाक टिकटों और सामग्रियों का अद्भुत संग्रह प्रस्तुत किया गया है। यह पहला अवसर है जब गोरखपुर अंचल में बुद्ध पर आधारित डाक टिकटों की इतनी विस्तृत और विविध प्रदर्शनी देखने को मिली है

रविवार को राजकीय बौद्ध संग्रहालय और फिलैटलिक सोसाइटी ऑफ उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में ‘वैश्विक बुद्ध BuddhaPEX-25 अंतर्राष्ट्रीय फ़िलाटेलिक प्रदर्शनी’ मुख्य आकर्षण रही। इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित डाक टिकटें और सामग्रियां भगवान बुद्ध के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उनके सार्वभौमिक संदेशों की एक जीवंत झलक प्रस्तुत करती हैं।
इस अनूठी प्रदर्शनी को देखने के लिए रविवार को संग्रहालय में सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी। आगंतुकों ने विभिन्न देशों द्वारा जारी किए गए बुद्ध के विभिन्न रूपों, शिक्षाओं और उनसे जुड़े प्रतीकों को दर्शाते डाक टिकटों के विशाल संग्रह को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। यह संग्रह न केवल डाक टिकटों का एक प्रदर्शन है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि भगवान बुद्ध का दर्शन और प्रभाव दुनिया भर में किस कदर फैला हुआ है।
इस दुर्लभ संग्रह को 28 डाक टिकट संग्रहकर्ताओं ने वर्षों की मेहनत से संजोया है। इन संग्रहकर्ताओं में फिलैटलिक सोसाइटी ऑफ उत्तर प्रदेश से जुड़े डॉ. आदित्य सिंह, एम. गुलरेज, हिमांशु कुमार सिंह, संदीप चौरसिया, अभिषेक तोमर, रमन कुमार मण्डल, डॉ. कृष्ण कुमार पाण्डेय, मोहम्मद सफीक और अन्य प्रमुख संग्रहकर्ता शामिल हैं। उनके इस प्रयास ने छात्रों और युवा पीढ़ी को अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का एक अनमोल अवसर प्रदान किया है।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने वाले मौर्य कुशवाहा मित्र परिषद, गोरखपुर के श्री पारसनाथ मौर्य ने इस अद्वितीय संग्रह की प्रशंसा करते हुए कहा कि बुद्ध पर आधारित डाक टिकटों और लिफाफों की यह प्रदर्शनी वास्तव में अद्भुत और आकर्षण का केंद्र है। यह भगवान बुद्ध के वैश्विक प्रभाव और उनके प्रति विभिन्न देशों की श्रद्धा को दर्शाती है।
संग्रहालय के उप निदेशक डॉ. यशवंत सिंह राठौर ने इस अवसर पर कहा कि प्रदर्शित डाक सामग्रियां संग्रहकर्ताओं के समर्पण और लगन का परिणाम हैं। यह प्रदर्शनी न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि यह नई पीढ़ी को अपनी विरासत को जानने और उस पर गर्व करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने सभी से इस दुर्लभ प्रदर्शनी को देखने और बुद्ध के शांति संदेश को आत्मसात करने का आग्रह किया।
इस विशेष कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के लगभग 150 छात्र-छात्राओं ने भी डाक टिकटों पर आधारित क्विज, पोस्टकार्ड लेटर राइटिंग और चित्रांकन कार्यशाला/प्रतियोगिता में भाग लिया। चयनित और विजेता छात्रों को सोमवार 19 मई को समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के अध्यापक और अभिभावक भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
यह प्रदर्शनी भगवान बुद्ध के सार्वभौमिक संदेश और विभिन्न संस्कृतियों में उनके सम्मान को एक अनूठे तरीके से प्रस्तुत करती है।
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