बलरामपुर: तराई क्षेत्र में राप्ती नदी के किनारे बसा बलरामपुर, जो कभी गोंडा जिले का हिस्सा था, अब विकास की नई गाथा लिख रहा है। इस आकांक्षी जिले में स्थित बलरामपुर रेलवे स्टेशन का हाल ही में 10.78 करोड़ रुपये की लागत से ‘अमृत स्टेशन योजना’ के तहत कायाकल्प किया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के गोण्डा-गोरखपुर लूप लाइन पर स्थित यह एन.एस.जी. 5 श्रेणी का महत्वपूर्ण स्टेशन अब आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस है, जिससे दिल्ली, मुम्बई, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, कटिहार, बहराइच, भोपाल और ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों से सीधी रेल सेवा और भी सुगम हो जाएगी।
स्थानीय वास्तुकला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए स्टेशन भवन में सुधार किया गया है। आकर्षक स्वरूप के साथ, यात्रियों की सुविधा के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार बनाए गए हैं। धूप और बारिश से बचाव के लिए प्लेटफॉर्मों पर 15-बे के यात्री शेड लगाए गए हैं। स्टेशन पर 4,700 वर्ग मीटर का विशाल सर्कुलेटिंग एरिया विकसित किया गया है, जिससे यात्रियों को आवागमन में पर्याप्त जगह मिलेगी। दोनों प्लेटफॉर्मों का उच्चीकरण किया गया है और उन पर ग्रेनाइट पत्थर लगाया गया है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजनों को ट्रेनों में चढ़ने और उतरने में आसानी होगी।
एनईआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि यात्रियों के आराम के लिए स्टेशन पर 209 वर्ग मीटर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त यात्री प्रतीक्षालय बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, उच्च श्रेणी प्रतीक्षालय, रिटायरिंग रूम और महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग प्रतीक्षालय के साथ वीआईपी लाउंज की सुविधा भी उपलब्ध है। स्टेशन परिसर में चार पहिया और दो पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग की व्यवस्था की गई है, और यात्रियों की सुविधा के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक के साइनेज लगाए गए हैं।
टिकटों की सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन पर आरक्षित और अनारक्षित टिकट खिड़कियों के साथ एटीवीएम की सुविधा भी दी गई है। यात्रियों की सहायता के लिए पूछताछ काउंटर कार्यरत है। पीने के पानी के लिए पर्याप्त नल और ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर के साथ खान-पान की दुकानें भी उपलब्ध हैं। एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) बनाया गया है। पूरे स्टेशन परिसर में बेहतर प्रकाश व्यवस्था के साथ आधुनिक फसाड लाइटिंग लगाई गई है, जो स्टेशन की सुंदरता को और बढ़ा रही है।
पुनर्विकसित बलरामपुर स्टेशन निश्चित रूप से यात्रियों को सुविधाजनक और आरामदायक रेल यात्रा का अनुभव कराएगा, जिससे उन्हें आनंद की अनुभूति होगी। यह विकास ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर भारतीय रेल का एक महत्वपूर्ण कदम है।
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