भदोही के रामलाल यादव और मिर्ज़ापुर की मधुरिमा तिवारी को शिक्षा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा जाएगा। दोनों शिक्षकों ने अपने प्रयासों से सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदल दी है।
Two UP teachers nominated for President award 2025: उत्तर प्रदेश के दो शिक्षकों को इस बार 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ये दोनों शिक्षक हैं – भदोही के प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक रामलाल यादव और मिर्ज़ापुर के कंपोजिट स्कूल की शिक्षिका मधुरिमा तिवारी। दोनों ने अपने असाधारण प्रयासों से सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा बदल दी है, जिससे कभी गिने-चुने बच्चों वाले ये स्कूल अब सैकड़ों छात्रों का भविष्य संवार रहे हैं।
भदोही के रामलाल यादव: बेटे का दाखिला कराकर जीता ग्रामीणों का भरोसा
भदोही के बड़वापुर गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापक रामलाल यादव ने 2015 में इस स्कूल में अपनी जिम्मेदारी संभाली थी, तब यहां सिर्फ 10 बच्चे पढ़ने आते थे। बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए जब वे अभिभावकों से मिले, तो उन्हें कहा गया कि उनके खुद के बच्चे तो प्राइवेट स्कूल में पढ़ते होंगे। इस बात से प्रेरित होकर, रामलाल ने अपने बेटे ओजस का दाखिला उसी सरकारी स्कूल में करा दिया।
इस फैसले ने ग्रामीणों का दिल जीत लिया और धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी। आज उनके स्कूल में 155 बच्चे पढ़ते हैं और 6 कमरे हैं, जबकि शुरुआत में केवल 2 जर्जर कमरे थे।
बच्चों को मिली 17 लाख की स्कॉलरशिप
रामलाल के प्रयासों से स्कूल के छात्रों ने शैक्षणिक प्रतियोगिताओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उनके मार्गदर्शन में कई छात्र-छात्राओं ने विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में सफलता हासिल की है, जिससे उन्हें कुल 17 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिली है। इनमें श्रेष्ठा, नेशनल स्कॉलरशिप और प्रधानमंत्री यशस्वी स्कॉलरशिप जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। उनके पढ़ाए हुए पांच छात्रों ने हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में 95% अंक हासिल किए। छात्रों का कहना है कि रामलाल सर ने उनमें आत्मविश्वास पैदा किया और खुद पैसे देकर भी उनकी मदद की।
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मिर्ज़ापुर की मधुरिमा तिवारी: स्मार्ट क्लास और कौशल विकास पर जोर
मिर्ज़ापुर के लालडिग्गी स्थित पीएम श्री रानी कर्णावती कंपोजिट स्कूल की शिक्षिका मधुरिमा तिवारी को भी उनके समर्पण के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया है। जब उन्होंने 2017 में इस स्कूल में जॉइन किया था, तब यहाँ सिर्फ 56 बच्चे थे। उनके प्रयासों और नवाचारों से आज यह संख्या बढ़कर 218 हो गई है।
मधुरिमा ने स्कूल को किसी प्राइवेट कॉन्वेंट स्कूल की तरह विकसित किया है। उन्होंने 8 कमरों की संख्या को बढ़ाकर 12 कर दिया है, जो सभी स्मार्ट क्लास से लैस हैं। यहां बच्चों को नियमित पढ़ाई के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा, सिलाई-कढ़ाई जैसे कौशल भी सिखाए जाते हैं। स्कूल परिसर में औषधि वाटिका, बागवानी और पार्क भी विकसित किए गए हैं। छात्रों का कहना है कि उन्हें स्मार्ट क्लास में पढ़ना बहुत अच्छा लगता है।
मधुरिमा को उनके काम के लिए 2018 में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार और 2022 में राज्य अध्यापक पुरस्कार भी मिल चुका है।