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चुनावी समर

स्वामी प्रसाद मौर्य ने बनाया ‘लोक मोर्चा’, खुद को बताया CM उम्मीदवार

गो गोरखपुर यूपी न्यूज़
यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य ने 9 दलों के साथ 'लोक मोर्चा' बनाया, खुद को CM उम्मीदवार घोषित किया। भाजपा पर साधा निशाना, 2027 विधानसभा चुनाव पर नजर।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नए राजनीतिक समीकरण का उदय हुआ है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने 9 छोटे-छोटे दलों को मिलाकर एक नए मोर्चे ‘लोक मोर्चा’ का गठन किया है। लखनऊ के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में इन नौ दलों और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य का जोरदार स्वागत किया और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भरोसा दिलाया। मौर्य ने इस मोर्चे को उत्तर प्रदेश की जनता के लिए तीसरा विकल्प बताया है।

भाजपा पर साधा निशाना, गिनाईं ‘समस्याएं’

गठबंधन के ऐलान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। मौर्य ने कहा कि, “संविधान की कसम खाकर सत्ता में पहुँचने वाले संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण खत्म कर रही है और यूपी में बड़े पैमाने पर ‘जंगलराज’ और ‘गुंडाराज’ है, जिससे जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।

मौर्य ने कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए कहा कि यूपी का युवा बेरोजगार है और महंगाई से आम जनता त्रस्त है। उन्होंने कहा, “140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ की जनता 5 किलो दाल-चावल पर चल रही है। 80 करोड़ जनता के सपने पूरे नहीं हो रहे हैं।” शिक्षा के व्यवसायीकरण और गरीबों को उच्च शिक्षा से वंचित करने का आरोप भी उन्होंने लगाया।

किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए मौर्य ने कहा कि सत्ता में बैठी ‘डबल इंजन’ की सरकार किसानों के हित में काम नहीं कर रही है, और न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा भी नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसानों की एक बात भी नहीं सुन रहे हैं।

पंचायत और 2027 विधानसभा चुनाव पर नजर, खुद को बताया CM उम्मीदवार

दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की सियासत करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस ‘लोक मोर्चा’ के माध्यम से आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव पर अपनी नजरें गड़ाई हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने खुद को इस मोर्चे का मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य का यह तीसरा फ्रंट उत्तर प्रदेश की राजनीति में क्या नफा-नुकसान करेगा या यह गठबंधन भी महज एक शिगूफा साबित होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के उस वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी बदौलत भाजपा लगातार जीत रही है, यानी कि दलित और ओबीसी वर्ग।



गो गोरखपुर ब्यूरो

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