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यूपी

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्प शूटर नवीन कुमार हापुड़ में मुठभेड़ में ढेर, 20 से ज़्यादा केस दर्ज

गो गोरखपुर यूपी न्यूज़

हापुड़: उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की संयुक्त टीम ने बुधवार रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर नवीन कुमार को हापुड़ में एक मुठभेड़ में मार गिराया। नवीन पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, डकैती और मकोका जैसे गंभीर अपराधों सहित दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 20 से अधिक मामले दर्ज थे। इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, और एक अन्य बदमाश मौके से फरार होने में कामयाब रहा, जिसकी तलाश जारी है।

एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि बुधवार रात करीब 11 बजे हापुड़ कोतवाली क्षेत्र के प्रीत विहार में यह मुठभेड़ हुई। बाइक सवार बदमाश नवीन कुमार पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगा और घेराव करने पर उसने पुलिस पर फायरिंग भी की। पुलिस की जवाबी फायरिंग में नवीन को गोली लग गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक बदमाश की पहचान लोनी, गाजियाबाद निवासी नवीन कुमार के रूप में हुई है।

नवीन का आपराधिक इतिहास: यूपी, हरियाणा और दिल्ली में दर्ज थे कई मामले

नवीन कुमार का आपराधिक इतिहास काफी लंबा रहा है। जानकारी के अनुसार, उसने लॉरेंस गैंग और उसके पहले भी अन्य गैंग के साथ मिलकर गाजियाबाद और गुरुग्राम में कई जघन्य अपराध किए थे। 2009 में वह साहिबाबाद में हुई एक हत्या में शामिल था। 2011 में गुरुग्राम के सदर थाना क्षेत्र में भी उस पर हत्या के प्रयास, हत्या और साजिश के आरोप लगे थे।

दिल्ली के सदर बाजार, सीमापुरी, वेलकम और फर्श बाजार सहित अन्य थानों में भी नवीन के खिलाफ कई मामले दर्ज थे। वह थाना फर्श बाजार, दिल्ली में हत्या और मकोका के केस में वांछित था। नवीन, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक सक्रिय सदस्य और शार्प शूटर था, जो लॉरेंस के करीबी हाशिम बाबा के साथ मिलकर अपराध करता था। दिल्ली के एक व्यापारी नवीन की हत्या में भी वह आरोपी था। उसे दिल्ली के दो अलग-अलग मामलों में कोर्ट से सजा भी सुनाई जा चुकी थी। मुठभेड़ स्थल से एक बाइक, एक पिस्टल, दो कारतूस और एक खोखा बरामद हुआ है।

Amit Srivastava

Amit Srivastava

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गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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