10 लाख लेकर थमा दिया रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र

Gorakhpur: रेलवे में टीसी बनवाने के नाम पर 10 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित की तहरीर पर खजनी पुलिस देवरिया रूद्रपुर के समुदा गांव के अनुभव पांडेय, भावना पांडेय, अर्चना पांडेय, कमलेश पांडेय और किरन के खिलाफ शुक्रवार को केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.
उनवल निवासी रामकरण यादव ने खजनी पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनके पुरोहित के रिश्तेदार देवरिया रूद्रपुर निवासी अनुभव पांडेय से गांव में मुलाकात हुई थी. अनुभव पांडेय ने बताया कि 10 लाख रुपये खर्च कीजिए तो आपके बेटे संदीप यादव को रेलवे ग्रुप सी में टीसी पद पर लगवा दूंगा. झांसे में आकर रामकरण ने 15 जुलाई 2018 को पांच लाख 50 हजार रुपये दे दिए. इसके बाद अलग-अलग तारीख पर बाकी चार लाख 50 हजार रुपये भी दे दिए. अनुभव ने उनके बेटे को कोलकाता में रेलवे टीसी पद के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया. बेटा संदीप नौकरी ज्वाइन करने रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हाबड़ा डिविजन गया तो पता चला कि उसका नियुक्ति पत्र फर्जी है. 10 अगस्त को संदीप अपने एक मित्र के साथ अनुभव पांडेय के घर रुपये मांगने गया. वहां पर अनुभव के साथ उसके परिवार के लोगों ने गाली देते हुए रुपये देने से मना कर दिया.
-
डीडीयू: सभी पाठ्यक्रमों में फीस न जमा कर सके छात्रों को प्रवेश का एक और मौका
-
भ्रमित लोग ही कोविड-19 के टीके से चूके, अब जल्दी करेंः वीरेंद्र
-
निकाय चुनाव: नए वार्डों में वोटर बनाने का नगर निगम का अभियान पांच से
-
कुर्सी वही ठीक जिस पर अपनी मर्जी से बैठा जा सके
-
घर के करीब आपकी सेहत जांचने की मशीन लगाएगा नगर निगम
-
जीडीए की आवासीय योजना ‘रोहिणी एन्क्लेव’ के लिए बुकिंग शुरू
-
वह कौन सी पुस्तक है जिसकी 1 लाख 62 हजार प्रतियां छाप चुका है गीता प्रेस, पुस्तक अब नेपाली में भी
-
इस फेस्टिव सीज़न ‘तनिष्क‘ नया क्या लेकर आया है, यहां जानें
-
अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाने वाली मछली कुशीनगर की हरहा नदी में मिली
-
वीडियो वायरल हुआ तो खुली शिक्षिका की पोल, छात्र से ऐसा क्या कराया कि निलंबित हो गई
-
सहजनवा और कैंपियरगंज में केंद्र के खर्च पर बनेगा दो सौ बेड का अस्पताल
-
प्राइमरी के तीन मास्टर ऐश-ओ-आराम के लिए ये क्या करने लगे?
-
शिक्षा माफिया राकेश ने एक दशक में कमाई अकूत दौलत
-
गोरखपुर की दो महिला डॉक्टर कौन हैं जो ‘गैंगस्टर’ में गईं हवालात में
-
उत्तराखंड के एक गांव के आठ युवक कैसे बन गए गोरखपुर पुलिस का सिरदर्द, यहां पढ़िए