शिक्षा

NEET 2025: संकल्प और कड़ी मेहनत की कहानियाँ

नीट 2025 के परिणाम में गोरखपुर शहर के विद्यार्थियों ने बाज़ी मारी
NEET 2025 में गोरखपुर के छात्रों ने हासिल की शानदार सफलता! अमर मणि, आस्तिक, कनिष्क, हेबा और शांभवी की सेल्फ-स्टडी और दृढ़ संकल्प की प्रेरणादायक कहानियाँ जानें, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग सेंटर के बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया।

गोरखपुर: मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET 2025 के परिणाम आ चुके हैं, और गोरखपुर के कई छात्रों ने अपनी लगन, कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से शानदार सफलता हासिल की है। इन होनहारों ने साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

अमर मणि त्रिपाठी: पीडब्ल्यूडी श्रेणी में 36वीं रैंक

शाहपुर के सरस्वतीपुरम कॉलोनी लेन प्रथम निवासी शिक्षक रमेश मणि त्रिपाठी और बंदना त्रिपाठी के पुत्र अमर मणि त्रिपाठी ने NEET 2025 में सामान्य श्रेणी पीडब्ल्यूडी में ऑल इंडिया रैंक 36वीं प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। अमर ने कुल 508 अंक हासिल किए, जिससे सामान्य श्रेणी में उनकी रैंक 16308 रही। अमर ने अपनी इस असाधारण सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, पूरे परिवार और गुरुजनों को दिया है। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि सही पारिवारिक सहयोग और शिक्षकों का मार्गदर्शन सफलता की कुंजी है।

आस्तिक पांडेय: 539 अंकों के साथ नाम रोशन

बड़हलगंज ब्लाक के सिधुआपार गांव निवासी राघवेंद्र पांडेय के पुत्र आस्तिक पांडेय ने NEET परीक्षा में 720 में से 539 अंक प्राप्त कर अपने परिवार और क्षेत्र का मान बढ़ाया है। आस्तिक शुरू से ही एक मेधावी छात्र रहे हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने बाबा, माता-पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद को दिया है। आस्तिक की इस उपलब्धि पर उनके बाबा विजय नारायण पांडेय, पिता राघवेंद्र पांडेय, माता पूनम पांडेय और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें बधाई दी है। यह सफलता उनके अथक परिश्रम और बड़ों के आशीर्वाद का परिणाम है।

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कनिष्क सिंह: पहले ही प्रयास में हासिल की सफलता

कुसमौल के श्रीपुरा निवासी शिक्षक संतोष कुमार सिंह के पुत्र कनिष्क सिंह ने अपने पहले ही प्रयास में NEET परीक्षा में सफलता प्राप्त कर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। कनिष्क ने 720 में से 587 अंक प्राप्त किए। वे पूर्व ग्राम प्रधान स्व. अमर सिंह और नैनवास सिंह के पौत्र हैं। कनिष्क की इस शानदार उपलब्धि पर एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख राजकुमार शाही सहित क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित लोगों ने हर्ष व्यक्त किया है। कनिष्क की यह कहानी बताती है कि सही दिशा में किया गया पहला प्रयास भी बड़ा परिणाम दे सकता है।

हेबा फातमा: 559 अंकों के साथ लहराया परचम

कैंपियरगंज नगर पंचायत चौमुखा निवासी दानिश हसन की पुत्री हेबा फातमा ने NEET में 720 में से 559 अंक प्राप्त कर 8673वीं रैंक हासिल की है। हेबा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद व मार्गदर्शन को देती हैं। घर में सबसे बड़ी, हेबा ने अपनी इंटरमीडिएट तक की शिक्षा गोरखपुर से प्राप्त की है। हेबा की यह उपलब्धि उनकी लगन और परिवार के सहयोग को दर्शाती है।

शांभवी तिवारी: 582 अंकों के साथ 3192वीं रैंक

गोला उपनगर के वार्ड नंबर 14 मन्नीपुर निवासी कुमारी शांभवी तिवारी, जो हेमंत तिवारी की पुत्री हैं, ने NEET परीक्षा में 582 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया 3192वीं रैंक हासिल की है। शांभवी बचपन से ही मेधावी छात्रा रही हैं, उन्होंने 10वीं की परीक्षा कार्मल स्कूल गोरखपुर से 96% अंकों के साथ और इंटरमीडिएट आत्मदीप विद्यालय से 95.2% अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। शांभवी के परिजनों ने बताया कि वह बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती थीं। उनके परिवार में शिक्षा का माहौल शुरू से ही बहुत अच्छा रहा है, जिसमें उनके बड़े बाबा स्व. डॉ. अच्युतानंद तिवारी (एक प्रसिद्ध डॉक्टर और गोल्ड मेडलिस्ट) और बाबा स्व. रत्नाकर दत्त तिवारी (राजकीय इंटर कॉलेज जुबली गोरखपुर से सेवानिवृत्त प्राचार्य) जैसे शिक्षाविद् शामिल हैं। शांभवी की इस सफलता पर उनके परिवार और क्षेत्र के कई लोगों ने उन्हें बधाई दी है। यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत, पारिवारिक प्रेरणा और अटूट संकल्प का प्रमाण है।



Priya Srivastava

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About Author

Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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