एमएमएमयूटी

MMMUT School of Medical Sciences को मिली हरी झंडी, एमबीबीएस सहित कई नए कोर्स होंगे शुरू

एमएमएमयूटी मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर

गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) गोरखपुर में स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना का रास्ता अब साफ हो गया है। सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को माननीय कुलपति प्रो जे पी सैनी की अध्यक्षता में संपन्न हुई वित्त समिति की 33वीं बैठक में शैक्षणिक सत्र 2026-2027 से स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना और उसके अंतर्गत एमबीबीएस, बीडीएस, बीएससी नर्सिंग एवं बीबीए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम शुरू करने को वित्त समिति से मंजूरी मिल गई। इस एक बड़े फैसले सहित विश्वविद्यालय में करीब 14.5 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों और विभिन्न विभागों में नई लैब की स्थापना, उपकरणों की खरीद, छात्रों के लिए बस और हॉस्टल के आधुनिकीकरण पर मुहर लगी है।

मेडिकल साइंसेज स्कूल: शासन से अनुमति का रास्ता खुला

विश्वविद्यालय की विद्या परिषद और प्रबंध बोर्ड से पहले ही मंजूरी मिलने के बाद, अब वित्त समिति ने भी स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना पर अपनी मुहर लगा दी है। वित्त नियंत्रक श्री विनय कुमार राय द्वारा प्रस्तुत कार्यसूची पर चर्चा के बाद यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इस मंजूरी के बाद, विश्वविद्यालय अब शासन को स्पष्टीकरण के साथ इस फैसले से अवगत कराएगा। चूंकि शासन ने पहले अनुमति देने से पूर्व इस प्रस्ताव को वित्त समिति से मंजूरी मिलने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा था, इसलिए अब वित्त समिति की मंजूरी मिलने के बाद जिला अस्पताल को विश्वविद्यालय से अटैच किए जाने और पाठ्यक्रम शुरू करने की शासन से स्वीकृति की प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी।

नई लैब और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना

तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण लैब और सेंटरों को मंजूरी दी गई है। कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग में डेटाबेस एवं वेब डिजाइन लैब (₹27.26 लाख), इंटीग्रेट बिग डेटा एंड आईओटी लैब (₹38.75 लाख), और कंप्यूटर विजन लैब (₹49.61 लाख) की स्थापना के लिए कुल ₹1.15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, विद्युतकण एवं संचार अभियंत्रण विभाग में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन नेक्स्ट जनरेशन सेमीकंडक्टर्स एंड नैनो डिवाइसेज की स्थापना के लिए ₹3.99 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

बुनियादी ढांचे में सुधार और क्रय के महत्वपूर्ण निर्णय

छात्रों और कर्मचारियों की सुविधाओं में सुधार और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। छात्रों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए 28 लाख रुपये में एक नई 52-सीटर सीएनजी बस खरीदने की मंजूरी दी गई, जो पुरानी बस का स्थान लेगी। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान स्टाफ कार के अनुपयोगी होने पर एक नई हाइब्रिड कार खरीदने को भी मंजूरी मिली। आर्यभट्ट सभागार के उन्नयन के लिए 60 लाख रुपये मंजूर किए गए, और भौतिकी एवं रसायन विज्ञान विभागों के लिए एक्सआरडी मशीन खरीदने के लिए 1.40 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।

छात्रावास और प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण

छात्रों के रहन-सहन और शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए छात्रावासों और प्रयोगशालाओं के सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया है। विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों के डाइनिंग रूम और कॉमन रूम को वातानुकूलित करने के लिए ₹2.15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जबकि 8 छात्रावासों में स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए मॉड्यूलर किचन बनाने हेतु ₹3.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। इसके अतिरिक्त, सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रयोगशालाओं के उन्नयन के लिए ₹1.57 करोड़ रुपये और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रयोगशालाओं के उन्नयन हेतु ₹1.08 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

शैक्षणिक पदों का सृजन और वेतन वृद्धि

विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत और संविदा शिक्षकों को प्रोत्साहन देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। फार्मेसी विभाग में एम फार्म (फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री) और एम फार्म (फार्मास्यूटिक्स) नामक दो नए परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, साथ ही बी फार्म की सीटों में वृद्धि के लिए आवश्यक अतिरिक्त शैक्षणिक पदों के सृजन को भी मंजूरी मिली है। इसके अतिरिक्त, प्रबंध अध्ययन विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और फार्मेसी विभाग में कार्यरत संविदा शिक्षकों को उनके वर्तमान समेकित वेतन के 3% के बराबर वार्षिक वेतन वृद्धि प्रदान करने के प्रस्ताव को वित्त समिति ने स्वीकृति दे दी है।

इस बैठक में वित्त समिति के सदस्य प्रो राकेश कुमार, श्री जय मंगल राव, अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन, गोरखपुर; प्रो साधना सचान, एम एन एन आई टी, प्रयागराज; कुलसचिव श्री चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी, श्री अजीज अहमद, विशेष सचिव, प्राविधिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन; एवं श्री आर एन त्रिपाठी उपस्थित रहे।


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गो गोरखपुर ब्यूरो

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