Last Updated on September 20, 2025 8:36 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) के 8 शिक्षकों को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित विश्व के शीर्ष 2% शोधकर्ताओं की सूची में स्थान मिला है। जानें कौन हैं ये शिक्षक और क्या है इस उपलब्धि का महत्व। यह एमएमएमयूटी की बढ़ती शोध गुणवत्ता का प्रमाण है।
गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय के आठ शिक्षकों को विश्व प्रसिद्ध स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जारी वर्ष 2025 की ‘विश्व के शीर्ष 2% शोधकर्ताओं’ की प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया गया है। यह उपलब्धि न केवल इन शिक्षकों के व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह एमएमएमयूटी के बढ़ते शोध गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके प्रभाव का भी एक मजबूत संकेत है। इस सूची में डॉ. सत्य प्रकाश यादव, डॉ. मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. सात्विक वत्स, प्रो. डी. के. द्विवेदी, डॉ. शैलेन्द्र प्रताप सिंह, प्रो. आर. के. यादव, डॉ. आर. के. द्विवेदी, और डॉ. शिवम कुमार सिंह के नाम शामिल हैं।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित रैंकिंग
हर साल स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय दुनिया के विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट शोध कर रहे शीर्षस्थ दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की एक सूची जारी करता है। इस रैंकिंग का आधार शोध प्रकाशनों की संख्या, उनकी गुणवत्ता और उद्धरणों (साइटेशन) की संख्या होती है। यह सूची वैज्ञानिक प्रकाशनों के सबसे बड़े डेटाबेस, ‘स्कोपस’ में प्रकाशित शोधपत्रों के आधार पर तैयार की जाती है। इसमें वैज्ञानिकों के पूरे करियर के उद्धरणों और हाल के वर्ष (2024) के उद्धरणों को मापा जाता है। यह रैंकिंग विश्व भर के लगभग 1,95,000 वैज्ञानिकों के योगदान को मान्यता देती है, जो दुनिया के कुल वैज्ञानिकों का लगभग 2% हैं।
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कौन-कौन हैं शीर्ष शोधकर्ता?
इस वर्ष की रैंकिंग में एमएमएमयूटी के जिन आठ शिक्षकों को शामिल किया गया है, उनके नाम और विभाग इस प्रकार हैं:
- डॉ. सत्य प्रकाश यादव: कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग
- डॉ. मनोज कुमार गुप्ता: मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग
- डॉ. सात्विक वत्स: कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग
- प्रो. डी. के. द्विवेदी: भौतिकी एवं पदार्थ विज्ञान विभाग
- डॉ. शैलेन्द्र प्रताप सिंह: कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग
- प्रो. आर. के. यादव: रसायन एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग
- डॉ. आर. के. द्विवेदी: सूचना प्रौद्योगिकी विभाग
- डॉ. शिवम कुमार सिंह: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग
यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में इस सूची में एमएमएमयूटी के केवल दो शिक्षक थे, जो 2024 में बढ़कर पांच हो गए और अब यह संख्या आठ तक पहुँच गई है। यह वृद्धि विश्वविद्यालय में शोध के उच्च स्तर और निरंतर प्रगति को दर्शाती है।
कुलपति ने दी बधाई
इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे. पी. सैनी ने सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि एमएमएमयूटी के आठ शिक्षकों को इस प्रतिष्ठित सूची में स्थान मिला है। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत शोध प्रयासों की उत्कृष्टता को दर्शाती है, बल्कि यह एमएमएमयूटी के समग्र शोध पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती और निरंतर प्रगति का भी प्रमाण है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह सफलता विश्वविद्यालय को और अधिक नवाचारपूर्ण शोध को बढ़ावा देने और छात्रों को वैश्विक स्तर के शोध अवसर प्रदान करने के लिए प्रेरित करेगी। कुलपति ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में यह संख्या और भी बढ़ेगी।
एमएमएमयूटी की शोध उपलब्धि
- वर्ष 2023: स्टैनफोर्ड रैंकिंग में 2 शिक्षक
- वर्ष 2024: स्टैनफोर्ड रैंकिंग में 5 शिक्षक
- वर्ष 2025: स्टैनफोर्ड रैंकिंग में 8 शिक्षक
- वैश्विक सूची: विश्व के 1,95,000 वैज्ञानिकों में से 2% शीर्ष शोधकर्ता
- रैंकिंग का आधार: शोध प्रकाशन, उद्धरण (साइटेशन) और गुणवत्ता
- डेटाबेस: स्कोपस (Scopus)