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कला का धमाल! 125 से अधिक बच्चों ने सीखी लोककला पेंटिंग की बारीकियां

कला का धमाल! 125 से अधिक बच्चों ने सीखी लोककला पेंटिंग की बारीकियां
गोरखपुर विश्वविद्यालय में चल रही 20 दिवसीय चित्रकला कार्यशाला का 8वां दिन संपन्न। 125+ बच्चों ने लोककला पर कैनवास पेंटिंग सीखी। प्रो. ऊषा सिंह ने कार्यों की सराहना की।

गोरखपुर: राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के ललित कला एवं संगीत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रही 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन ‘चित्रकला कार्यशाला’ का आज, 13 जून 2025 को आठवां दिन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यशाला में बाल वर्ग और अन्य वर्ग को मिलाकर कुल 125 से भी अधिक बच्चों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जो कला के प्रति उनकी रुचि और उत्साह को दर्शाता है।

लोककला पेंटिंग पर केंद्रित रहा आज का सत्र

आज की कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों ने कैनवास पर पेंटिंग बनाने की तकनीक सीखी। पेंटिंग का मुख्य विषय लोककला को रखा गया, जिसमें मधुबनी, फड़, पट चित्र और यामिनी राय जैसे शैलियों को आधार मानकर बच्चों को अपनी खुद की कृतियाँ पेंटिंग के माध्यम से व्यक्त करने का प्रशिक्षण दिया गया। इस सत्र ने बच्चों को भारतीय लोककला की समृद्ध विरासत से परिचित कराया और उन्हें अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का अवसर दिया।

विभागाध्यक्ष ने कार्यों की सराहना की, विशेषज्ञ प्रशिक्षक रहे मौजूद

इस दौरान ललित कला एवं संगीत विभाग की अध्यक्ष प्रो. ऊषा सिंह ने कार्यशाला का विस्तृत विवरण लिया और बच्चों के कार्यों की जमकर सराहना की। कार्यशाला के संयोजक डॉ. गौरी शंकर चौहान और सह-संयोजक डॉ. प्रदीप साहनी, डॉ. प्रदीप राजोरिया ने कार्यशाला की समीक्षा करते हुए बच्चों को प्रशिक्षित किया।

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सीनियर वर्ग में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में श्री शिवम कुमार गुप्ता, सुश्री निवेदिता सिंह, श्री अभिषेक श्रीवास्तव और सुश्री कीर्ति उपस्थित रहे। वहीं, जूनियर वर्ग (10-17 वर्ष) में आदित्य वर्मा और शिवांगी पाण्डेय ने बच्चों का मार्गदर्शन किया। यह कार्यशाला न केवल बच्चों में कला के प्रति रुचि जगा रही है, बल्कि उन्हें विभिन्न कला रूपों और तकनीकों से परिचित कराकर उनकी प्रतिभा को निखारने में भी मदद कर रही है।



Priya Srivastava

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Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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