गोरखपुर: सड़क हादसे और बिखरते परिवार विषय पर गोरखपुर के शास्त्री चौक स्थित संकुल भवन में मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के तत्वावधान में एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (यूपीडा) के नोडल अधिकारी राजेश पांडेय (आईपीएस) ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। संगोष्ठी में पुलिस अधिकारियों, पत्रकारों, चिकित्सकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सड़क दुर्घटनाओं के भयावह परिणामों पर चिंता व्यक्त करते हुए उनके रोकथाम पर गहन चर्चा की। समिति अध्यक्ष अरविंद राय ने कहा कि सड़क हादसे आज समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं, जहां एक व्यक्ति की मृत्यु से पूरा परिवार उजड़ जाता है।
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सड़क सुरक्षा प्रहरी सम्मान से जांबाज चिकित्सक और पुलिसकर्मी सम्मानित
इस अवसर पर सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान बचाने वाले चार लोगों को समिति द्वारा ‘सड़क सुरक्षा प्रहरी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि राजेश पांडेय, एसपी सिटी अभिनव त्यागी, एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक राजकुमार पांडेय और समिति अध्यक्ष अरविंद राय ने संयुक्त रूप से डॉ. रवि राय, डॉ. वी.के. सुमन, डॉ. एस.पी. त्रिपाठी तथा उप निरीक्षक पूजा (आईटीएमएस) को सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया। समिति अध्यक्ष अरविंद राय ने डॉ. रवि राय की भूमिका की सराहना करते हुए बताया कि उन्होंने रात चार बजे उनके भतीजे का सफल ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई, जो समाज के लिए एक आदर्श है।

हेलमेट से परहेज और तेज रफ्तार सबसे बड़े कारण: एसपी ट्रैफिक
एसपी ट्रैफिक राजकुमार पांडेय ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं हमारी लापरवाही का परिणाम होती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कानून के पालन की जितनी जिम्मेदारी पुलिस की है, उतनी ही जनता की भी है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि लोग पांच सौ रुपये का चालान भरने को तैयार रहते हैं, लेकिन उतने ही रुपये का हेलमेट खरीदने से हिचकते हैं। एसपी ट्रैफिक ने कहा कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग और तेज रफ्तार ही सबसे बड़े हादसे के कारण हैं। उन्होंने अभिभावकों से खुद नियमों का पालन करने और बच्चों को बिना हेलमेट वाहन न चलाने देने की अपील की।
दुर्घटना भी हत्या जितनी गंभीर त्रासदी: एसपी उत्तरी
एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने पत्रकार समिति द्वारा सड़क सुरक्षा पर संगोष्ठी के आयोजन को समाज के प्रति एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बताया। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि अपराध से होने वाली मौतों की तुलना में साढ़े चार गुना ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं, लेकिन इन पर वैसी संवेदनशीलता और चर्चा नहीं होती। उन्होंने कहा कि “दुर्घटना भी हत्या जितनी गंभीर त्रासदी है” और समाज को यह संदेश देना आवश्यक है। एसपी उत्तरी ने दुर्घटना के एक घंटे के भीतर घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले ‘गोल्डन ऑवर’ के महत्व पर प्रकाश डाला और 112 या एंबुलेंस को तुरंत सूचना देकर सैकड़ों जानें बचाने की बात कही।
गलत दिशा में वाहन और ड्राइवर की थकान भी हादसे की जड़
गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने हाईवे और एक्सप्रेसवे पर गलत दिशा में आने वाले वाहनों और सड़कों पर अचानक आ जाने वाले पशुओं को सबसे बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि बस और ट्रक ड्राइवरों को कई बार डबल ड्यूटी करनी पड़ती है, जिससे थकान और नींद के कारण हादसे बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से जांच प्रणाली सख्त करने और ट्रैफिक पुलिस को सिर्फ चालान काटने तक सीमित न रहकर सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने का आग्रह किया। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने सुरक्षा नियमों को नजरअंदाज करने की मानसिकता पर सवाल उठाया, कहा कि ‘हेलमेट से बाल खराब होने’ या ‘सीट बेल्ट से शर्ट की क्रीज बिगड़ने’ जैसी सोच बदलनी होगी, क्योंकि जीवन से बड़ी कोई चीज नहीं।
जागरूकता बढ़ाने पर जोर, एक्सप्रेसवे पर होगी मॉनिटरिंग
मुख्य वक्ता राजेश पांडेय ने बताया कि केवल पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर अब तक 32 करोड़ रुपये का चालान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अधिकतर सड़क हादसे नींद या शराब के नशे में वाहन चलाने, और स्पीड लिमिट का पालन न करने से होते हैं। उन्होंने इलाहाबाद में जाली लगाने के बाद दुर्घटनाओं में 82 प्रतिशत की कमी आने का उदाहरण दिया। राजेश पांडेय ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे पर ड्राइवरों की नींद और स्पीड की मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल सेंसर लगाए जा रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में पत्रकार समिति, प्रेस क्लब और एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से शहर और जनपद स्तर पर ‘रोड सेफ्टी जागरूकता अभियान’ चलाने का संकल्प लिया। इसके तहत स्कूल-कॉलेजों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम, हेलमेट वितरण अभियान और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम का सफल संचालन मृत्युंजय नवल ने किया।