गोरखपुर के सिगनल कारखाने में 12 सितंबर को राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए तकनीकी संगोष्ठी, कार्यशाला और क्विज का आयोजन किया गया। जानें बैठक के मुख्य बिंदु और हिंदी के तकनीकी उपयोग पर जोर।
गोरखपुर: रेलवे के सिगनल कारखाने, गोरखपुर छावनी में महत्वपूर्ण ‘राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक’ का आयोजन किया गया। यह बैठक मुख्य कारखाना प्रबंधक पवन कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य राजभाषा हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देना और उससे संबंधित नीतियों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करना था। इस दौरान कई महत्वपूर्ण आयोजन किए गए, जिनमें आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जयंती, विशेष हिंदी कार्यशाला, तकनीकी संगोष्ठी और राजभाषा क्विज प्रतियोगिता शामिल हैं।
राजभाषा को समर्पित कार्यक्रम
मुख्य कारखाना प्रबंधक पवन कुमार ने बैठक में मौजूद सभी सदस्यों को हिंदी दिवस की अग्रिम बधाई दी और कहा कि यह बैठक हम सभी को राजभाषा हिंदी के प्रति अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक पालन करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंदी के उपयोग को केवल एक नियम नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में लिया जाना चाहिए।
तकनीकी पहलुओं पर जोर
कार्यक्रम का संचालन सहायक कारखाना प्रबंधक एवं राजभाषा संपर्क अधिकारी बीरेश कुमार श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में सभी कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं को कंप्यूटर पर यूनिकोड में हिंदी के मंगल फॉन्ट का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी को अपने कार्यक्षेत्र में राजभाषा नीति नियमों के अनुपालन में रही कमियों को तुरंत दूर करना चाहिए।
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विशेष कार्यशाला और संगोष्ठी
बैठक के दौरान वरिष्ठ अनुवादक सपना खरे ने लाल बहादुर शास्त्री तकनीकी मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ‘गूगल शीट से रिपोर्ट बनाने में उपयोग’ विषय पर एक तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें कर्मचारियों को व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। वरिष्ठ अनुवादक अनामिका सिंह ने प्रसिद्ध साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल के जीवन और कार्यों पर एक प्रेरणादायक व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में सिगनल कारखाने के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।