अगस्त के आगमन के साथ ही गोरखपुर सिटी में बहुत कुछ नया होने जा रहा है! नए डीएम दीपक मीणा की प्राथमिकताएं, रामगढ़ ताल की सफाई, 9.86 करोड़ के ग्रीन प्रोजेक्ट्स, और पीएम-अजय योजना से स्वरोजगार के अवसर।
गोरखपुर: कल अगस्त की पहली तारीख है. गोरखपुर शहर में भी नये माह में बहुत कुछ नया है, और नया होने जा रहा है। एक तरफ नये जिलाधिकारी का आगमन है, तो दूसरी ओर नगर निगम, जीडीए ने शहर में हरियाली, सफाई और पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कमर कस ली है। आइए एक एक करके देखते हैं, शहर की नई योजनाएं क्या हैं?
‘गरीबों का भला सबसे पहले’
गोरखपुर के नए जिलाधिकारी दीपक मीणा ने आते ही कह दिया है, “गरीबों का भला सबसे पहले!” उनकी पहली प्राथमिकता यही है कि सरकार की सारी योजनाएं सही लोगों तक पहुंचें। उन्होंने साफ कर दिया है कि गरीबों के लिए बनी हर सरकारी योजना का लाभ उन्हें जरूर मिलेगा। दीपक मीणा 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वो पहले गाजियाबाद के डीएम भी रह चुके हैं!
रामगढ़ ताल अब और चमकेगा
हमारा प्यारा रामगढ़ ताल अब और सुंदर बनेगा! गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने इसकी सफाई का काम तेज कर दिया है। 1.88 करोड़ रुपये की मशीन से जलकुंभी हटाई जा रही है। बाकी बची जलकुंभी भी हाथों से निकाली जा रही है। ताल के किनारे जमी गाद भी हटाने की तैयारी है। अब ताल और भी खूबसूरत दिखेगा!
शहर होगा और हरा-भरा
शहर की हवा भी साफ होगी और सड़कें भी चमकेगी। धूल कम करने और हरियाली बढ़ाने के लिए 9.86 करोड़ रुपये के काम मंजूर हुए हैं। इससे सड़कें सुधरेंगी और खूब ग्रीन बेल्ट बनेंगे। शहर में सांस लेना और घूमना, दोनों ही बेहतर होगा।
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कूड़े से बनेगा कोयला
सहजनवां के सुथनी में कूड़े से कोयला बनाने वाले प्लांट का ट्रायल फिर शुरू हो गया है। यह प्लांट हर दिन 500 टन कूड़ा संभालेगा। मतलब, कूड़ा कम होगा और शहर साफ रहेगा। ये पर्यावरण के लिए बहुत अच्छी खबर है!
पार्किंग होगी व्यवस्थित!
अब सड़कों पर कहीं भी गाड़ी खड़ी नहीं कर पाएंगे। 1 अगस्त से नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर जुर्माना लगेगा और गाड़ी उठाई जाएगी। दोपहिया पर 200 और चारपहिया पर 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। इससे ट्रैफिक जाम कम होगा और सड़कें खाली दिखेंगी। शहर में व्यवस्था आएगी, जो सबके लिए अच्छी है!
स्वरोजगार का सुनहरा मौका
पीएम अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना से अनुसूचित जाति के लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा। स्वरोजगार के लिए मुफ्त ट्रेनिंग मिलेगी। साथ ही, परियोजना लागत का 50% या 50 हजार रुपये तक का सरकारी अनुदान भी मिलेगा। 18 से 50 साल के साक्षर महिला-पुरुष इसके लिए पात्र हैं। ये मौका है अपनी किस्मत बदलने का!