गोरखपुर में पूरक पोषाहार के लिए चेहरा प्रमाणीकरण में लापरवाही बरतने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर होगी सख्त कार्रवाई। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने दी अंतिम चेतावनी, 31 अगस्त तक प्रमाणीकरण पूरा करने का निर्देश।
गोरखपुर: पूरक पोषाहार वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए बाल विकास विभाग द्वारा 1 जुलाई से चेहरा प्रमाणीकरण (Face Recognition System – FRS) की अनिवार्य ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पोषाहार केवल सही और पात्र लाभार्थियों तक ही पहुँचे। हालांकि, जुलाई महीने तक यह प्रक्रिया शत-प्रतिशत पूरी नहीं हो पाई, जिसके कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय रोकने के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारियों द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अभिनव कुमार मिश्रा ने सभी कार्यकर्ताओं को इस कार्य को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में लाभार्थियों और कार्यकर्ताओं, दोनों की तरफ से लापरवाही देखने को मिल रही है, जिस पर विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।
ऑनलाइन प्रमाणीकरण में धीमी प्रगति
ऑनलाइन चेहरा प्रमाणीकरण प्रणाली लागू होने के बाद भी कई विकास खंडों में इस प्रक्रिया की प्रगति धीमी है। समीक्षा के दौरान यह पाया गया है कि कुछ लाभार्थियों द्वारा स्वयं प्रमाणीकरण में रुचि नहीं दिखाई जा रही है, जबकि कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी इस प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। इस लापरवाही के कारण कई पात्र लाभार्थी अभी भी प्रमाणीकरण से वंचित हैं।
अधिकारियों पर भी हुई कार्रवाई
इस धीमी प्रगति के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अभिनव कुमार मिश्रा ने संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारियों को समय-समय पर चेतावनी जारी की है। इसके अतिरिक्त, लापरवाही बरतने वाली मुख्य सेविकाओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि विभाग इस महत्वपूर्ण कार्य में किसी भी तरह की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगा।
अंतिम चेतावनी और कठोर कदम की तैयारी
लगातार प्रयासों और निर्देशों के बावजूद कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस कार्य में लापरवाही कर रही हैं, जिन्हें चिन्हित कर लिया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने ऐसी कार्यकर्ताओं को अंतिम चेतावनी देते हुए कठोर कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगले दो दिनों में एफआरएस प्रक्रिया पूरी न करने वाली कार्यकर्ताओं का मानदेय रोक दिया जाएगा। यदि इसके बाद भी लापरवाही जारी रहती है, तो जिलाधिकारी के स्तर से उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि कोई भी पात्र लाभार्थी पोषाहार से वंचित न रह जाए।
लाभार्थियों को भी हो सकता है नुकसान
यह समझना महत्वपूर्ण है कि यदि एफआरएस की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो सिर्फ उन्हीं लाभार्थियों को पोषाहार आवंटित किया जाएगा जिनका प्रमाणीकरण हो चुका है। ऐसे में, जो लाभार्थी प्रमाणीकरण नहीं करा पाए हैं, वे पोषाहार से वंचित हो सकते हैं। यह स्थिति बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है, जिन्हें नियमित पूरक पोषाहार की आवश्यकता होती है।
चेहरा प्रमाणीकरण की स्थिति
गोरखपुर में प्रमाणीकरण का अपडेट
यह आंकड़े विभिन्न स्रोतों से इकट्ठा किए गए हैं और यहां सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए दिए गए हैं. इन आंकड़ों में बदलाव संभव है. — संपादक: गो गोरखपुर