दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) में 'भारतीय ज्ञान परंपरा और वैश्विक नेतृत्व की अवधारणा' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। कुलपति ने पोस्टर का विमोचन किया। इस रिपोर्ट में विश्वविद्यालय में हुए अन्य कार्यक्रमों जैसे साइबर कानून और युवा उद्यमिता की भी जानकारी दी गई है।
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ‘भारतीय ज्ञान परंपरा और वैश्विक नेतृत्व की अवधारणा’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस एक दिवसीय संगोष्ठी के पोस्टर का विमोचन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने किया। यह संगोष्ठी हाइब्रिड माध्यम (ऑनलाइन और ऑफलाइन) से 8 सितंबर को आयोजित होगी। इसमें देश-विदेश के प्रख्यात शिक्षाविद् और कूटनीतिज्ञ हिस्सा लेंगे।
उद्घाटन और समापन सत्र में शामिल होंगे विशेषज्ञ
संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री प्रोफेसर अमिताभ मट्टू शिरकत करेंगे, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के डीन हैं। उन्हें भारत की विदेश नीति, रणनीतिक संस्कृति और वैश्विक कूटनीति का विशेषज्ञ माना जाता है।
समापन सत्र में भारत सरकार के वरिष्ठ राजनयिक श्री अनिल कुमार राय मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता होंगे। वे वर्तमान में इथियोपिया में भारत के उच्चायुक्त और अफ्रीकन यूनियन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहकर भारत की भूमिका को सशक्त बनाने में योगदान दिया है।
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युवा उद्यमिता पर भी हुआ विशेष कार्यक्रम
विश्व उद्यमिता दिवस के अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रशासन विभाग ने ‘युवा उद्यमिता: अवसर, साहस और सफलता’ नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच उद्यमशील सोच और कौशल विकास को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन सहित कई वरिष्ठ शिक्षकों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें अपने उद्यमशील विचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
साइबर कानून और सोशल मीडिया पर कार्यशाला
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 44वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में महिला अध्ययन केंद्र और गृह विज्ञान विभाग ने संयुक्त रूप से ‘साइबर कानून और सोशल प्लेटफॉर्म: एक युवा दृष्टिकोण’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं को साइबर अपराधों और उससे जुड़े कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करना था। इसमें मुख्य वक्ता वकील और सामाजिक कार्यकर्ता रूपल त्रिपाठी ने साइबर अपराधों से बचने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं से कहा कि डरने के बजाय साइबर अपराधों की शिकायत करनी चाहिए।
कुलपति की प्रेरणादायक टिप्पणी
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा, “भारतीय ज्ञान परंपरा केवल अतीत की धरोहर नहीं है, बल्कि वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भविष्य के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान करती है। यह संगोष्ठी न केवल विश्वविद्यालय परिवार के लिए, बल्कि व्यापक अकादमिक जगत के लिए भी महत्त्वपूर्ण विमर्श का मंच बनेगी।”