गोरखपुर: सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन के वैश्विक लक्ष्य को साधते हुए एम्स गोरखपुर तेजी से काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक इस बीमारी को खत्म करना है। इसी कड़ी में, महिलाओं की जान बचाने के लिए एम्स में ’90-70-90′ के मानक का सख्ती से पालन किया जा रहा है। इसके तहत, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण पूरा किया गया है, जिसमें विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों की महिला डॉक्टरों ने भाग लिया। इस पहल से 15 वर्ष तक की 90% लड़कियों को टीका लगाने, 70% महिलाओं की जांच करने और 90% पीड़ितों का उपचार करने पर जोर दिया जा रहा है।
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’90-70-90′ मानक: सर्वाइकल कैंसर से बचाव का अहम कदम
एम्स गोरखपुर में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित 90-70-90 मानक को लागू किया जा रहा है।
- 90% टीकाकरण: 15 वर्ष की उम्र तक की 90 प्रतिशत लड़कियों को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) से बचाव का टीका लगाना।
- 70% स्क्रीनिंग: 35 और 45 साल की उम्र की 70 प्रतिशत महिलाओं की जांच (स्क्रीनिंग) करना।
- 90% उपचार: सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित 90 प्रतिशत महिलाओं का समुचित उपचार करना।
एम्स के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता ने बताया कि यह कैंसर एचपीवी नामक वायरस के कारण होता है और 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं की स्क्रीनिंग करके इसे प्री कैंसर स्तर पर ही पता लगाया जा सकता है, जिससे रोग का जल्द उन्मूलन संभव है।
महिला डॉक्टरों को दिया गया स्क्रीनिंग का विशेष प्रशिक्षण
एम्स के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष डा. शिखा सेठ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से महिला डॉक्टरों को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए स्क्रीनिंग की जानकारी दी गई है। ये प्रशिक्षित डॉक्टर अब सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों और नर्सों को भी प्रशिक्षित करेंगी। यह प्रशिक्षण एम्स के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में दिया गया। इस प्रशिक्षण में पिपराइच, कैंपियरगंज, चौरी चौरा, बांसगांव और जिला अस्पताल से डॉ. कविता, डॉ. सुप्रिया, डॉ. अमृता, डॉ. शालिनी व डॉ. मधुप्रिया ने भाग लिया।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण: शरीर में दिखेंगे ये संकेत
डा. विभा दत्ता ने बताया कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने पर शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें पहचानना बेहद जरूरी है। शुरुआती लक्षणों में सबसे सामान्य है योनि से असामान्य रक्तस्राव, जैसे संभोग के बाद या मासिक धर्म के बीच में खून आना (स्पाटिंग)।
सामान्य और बढ़े हुए कैंसर के प्रमुख लक्षण:
- योनि से असामान्य रक्तस्राव।
- मासिक धर्म के बीच में स्पाटिंग।
- संभोग के बाद खून आना।
- मासिक धर्म का सामान्य से अधिक भारी या लंबा होना।
- रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव।
- पानी जैसा, खूनी या दुर्गंधयुक्त स्राव।
- संभोग के दौरान दर्द।
- पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द।
- कैंसर बढ़ने पर: पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पैरों में सूजन, अकारण वजन कम होना, भूख में कमी, अत्यधिक थकान, पेशाब करने में परेशानी या किडनी फेलियर।


