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गोरखपुर: ग्राम पंचायतों को अब हर भुगतान पर काटनी होगी जीएसटी, लापरवाही पर शासन हुआ सख्त

गोरखपुर सिटी न्यूज़

गोरखपुर। अब गोरखपुर मंडल की ग्राम पंचायतों को किसी भी प्रकार का भुगतान करते समय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत किए गए कार्यों के भुगतान में कई ग्राम पंचायतों द्वारा जीएसटी और टीडीएस की कटौती न करने का गंभीर मामला शासन के संज्ञान में आया है, जिसके बाद कड़ी सख्ती शुरू कर दी गई है। उपनिदेशक पंचायत हिमांशु ठाकुर ने मंडल के सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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ट्रेजरी अस्वीकृत कर रही भुगतान बिल

उपनिदेशक पंचायत द्वारा जारी पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि ट्रेजरी (कोषगार) द्वारा लगातार ऐसे बिलों को अस्वीकृत किया जा रहा है, जिनमें नियमानुसार टैक्स कटौती नहीं की गई है। वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के अनुसार, स्थानीय निकायों के लिए किसी भी पंजीकृत सप्लायर को भुगतान करते समय टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटना अनिवार्य है। कटौती की गई राशि को 10 दिनों के भीतर सरकारी खाते में जमा करना और मासिक रिटर्न पांच दिनों के भीतर दायर करना आवश्यक है।

पंजीकरण न होने से नियमों के अनुपालन में बाधा

जांच में यह सामने आया कि गोरखपुर मंडल में अधिकांश ग्राम पंचायतों के पास या तो अपना जीएसटी पंजीकरण नंबर उपलब्ध नहीं है, और यदि पहले पंजीकरण था भी, तो उसका नवीनीकरण नहीं हुआ है। इस स्थिति के कारण सरकारी नियमों के अनुपालन में बाधा उत्पन्न हो रही है। इस समस्या को देखते हुए सभी ग्राम पंचायतों को तुरंत जीएसटी पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) के बिलों में जीएसटी और टीडीएस की कटौती हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा गया है।

पारदर्शिता और गतिशीलता बढ़ेगी

उपनिदेशक पंचायत का मानना है कि जीएसटी पंजीकरण और कर कटौती की व्यवस्था लागू होने से ग्राम पंचायतों के वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता आएगी। साथ ही, ऐसे बिलों को ट्रेजरी द्वारा अस्वीकृत किए जाने की समस्या समाप्त होने से ग्राम पंचायतों के भुगतान में होने वाली देरी भी दूर होगी। पंचायत स्तर पर टैक्स अनुपालन मजबूत होने से ग्रामीण विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आएगी।


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Amit Srivastava

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About Author

गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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