गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट की। यह भेंट विशेष रूप से विश्वविद्यालय के शैक्षणिक उत्थान, विकास कार्यों की प्रगति और गोरखपुर के समग्र विकास से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित रही। दोनों के बीच शिक्षा, विकास और सुशासन से जुड़े कई विषयों पर सार्थक चर्चा हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को प्रदेश का अग्रणी संस्थान बनाना है।
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पीएम-उषा योजना और विकास परियोजनाओं पर मुख्यमंत्री ने की समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय में चल रही महत्वपूर्ण ‘पीएम-उषा योजना’ (PM-USHA) के तहत किए जा रहे कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में चल रही अन्य विकास परियोजनाओं और नवाचारों की भी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की शैक्षिक और अनुसंधान गतिविधियों को और गति देने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए दिया सुझाव
इस भेंट के दौरान, मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान को कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से जोड़ने की बात कही। इस कदम से न केवल विश्वविद्यालय का कृषि अनुसंधान मजबूत होगा, बल्कि यह क्षेत्र के किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी अधिक उपयोगी सिद्ध होगा। यह समन्वय क्षेत्रीय कृषि विकास को एक नई दिशा दे सकता है।
सैमसंग कार्यक्रम और पुस्तक मेले में आने की दी सहमति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय में जल्द ही आयोजित होने वाले दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की सहमति भी प्रदान की है। उन्होंने सैमसंग इनोवेशन कैंपस के प्रमाणपत्र वितरण समारोह में शामिल होने के लिए अपनी स्वीकृति दी। साथ ही, नेशनल बुक ट्रस्ट (NBT) द्वारा आयोजित होने वाले पुस्तक मेले में भी आने की सहमति दी। मुख्यमंत्री की सहभागिता से इन आयोजनों को प्रोत्साहन मिलेगा।
शिक्षा, अनुसंधान में अग्रणी बनने का कुलपति ने दिया आश्वासन
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए मार्गदर्शन और सहयोग के लिए विश्वविद्यालय परिवार की ओर से उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में प्रदेश का एक अग्रणी और उत्कृष्ट संस्थान बनने की दिशा में निरंतर सक्रिय और प्रयासरत रहेगा।