गोरखपुर विश्वविद्यालय में नवरात्रि की धूम: नवरंग गरबा महोत्सव कार्यशाला में उमड़ी भीड़, कुलपति भी हुईं शामिल

गोरखपुर विश्वविद्यालय में नवरात्रि की धूम: नवरंग गरबा महोत्सव कार्यशाला में उमड़ी भीड़, कुलपति भी हुईं शामिल
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 'तरंग' द्वारा आयोजित नवरंग गरबा महोत्सव कार्यशाला में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। कुलपति प्रो. पूनम टंडन भी गरबा में शामिल हुईं और प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया। जानिए इस खास आयोजन की पूरी जानकारी।

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ‘तरंग’ द्वारा आयोजित नवरंग गरबा महोत्सव के अंतर्गत चल रही गरबा कार्यशाला का दूसरा दिन भी पूरी तरह से उत्साह से भरा रहा। इस खास अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने खुद गरबा में हिस्सा लिया और प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ गई। उन्होंने ‘तरंग’ टीम के प्रयासों की जमकर सराहना की।

गोरखपुर विश्वविद्यालय में नवरात्रि की धूम: नवरंग गरबा महोत्सव कार्यशाला में उमड़ी भीड़, कुलपति भी हुईं शामिल
दीप प्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ करतीं कुलपति प्रो. पूनम टंडन.

गरबा कार्यशाला: संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का मंच

अपने प्रेरणादायक संबोधन में कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने जोर देते हुए कहा कि ऐसी कार्यशालाएँ विद्यार्थियों और कला-प्रेमियों को हमारी समृद्ध भारतीय संस्कृति की जड़ों से जोड़ती हैं। उन्होंने इसे परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया। गोरखपुर विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला मौका है, जब इस तरह का आयोजन हो रहा है, जिससे विद्यार्थियों और नागरिकों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। कार्यशाला में बड़ी संख्या में लोग पंजीकरण करा रहे हैं।

यह प्रशिक्षण कार्यशाला 28 सितंबर 2025 तक जारी रहेगी। इसके बाद 29 सितंबर 2025 को नवरंग गरबा महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार है।

गोरखपुर विश्वविद्यालय में नवरात्रि की धूम: नवरंग गरबा महोत्सव कार्यशाला में उमड़ी भीड़, कुलपति भी हुईं शामिल
कार्यक्रम में शामिल छात्राएं और शिक्षिकाएं.

गरबा सिर्फ एक नृत्य नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव

‘तरंग’ की निदेशक प्रो. उषा सिंह ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गरबा सिर्फ एक नृत्य नहीं, बल्कि इसका गहरा मनोवैज्ञानिक, मानसिक और शारीरिक प्रभाव होता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला और महोत्सव से गोरखपुर के कला-प्रेमियों को भारत की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक परंपरा को समझने और उसे अपने जीवन में उतारने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम का कुशल संचालन अभिषेक ने किया।

कार्यशाला में गरबा की मुख्य प्रशिक्षक सुश्री अर्पिता उपाध्याय प्रतिभागियों को गरबा की बारीकियों और विविधताओं का सूक्ष्म प्रशिक्षण दे रही हैं। इस कार्यक्रम में ‘तरंग’ के उपनिदेशक डॉ. गौरी शंकर चौहान, डॉ. प्रदीप कुमार साहनी, डॉ. प्रदीप राजौरिया और अन्य सदस्यगण, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अनुभूति दुबे, प्रो. उमा श्रीवास्तव, प्रो. दिव्या रानी सिंह, शोधार्थी शिवम गुप्ता, आदित्य वर्मा, कीर्ति वर्मा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी और प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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Priya Srivastava

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Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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