गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के पहले प्लास्टिक पार्क का विकास हो रहा है, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन प्लास्टिक इकाइयों का लोकार्पण और 640 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। जानें कैसे गोरखपुर बन रहा है औद्योगिक और रोजगार का नया केंद्र।
गोरखपुर: गोरखपुर जल्द ही प्लास्टिक उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र (हब) बनने जा रहा है। यह पहल उत्तर प्रदेश के पहले प्लास्टिक पार्क के साथ शुरू हुई है, जो गोरखपुर के गीडा क्षेत्र में 88 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को तीन प्लास्टिक इकाइयों का लोकार्पण करेंगे, जिसके बाद इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। इन इकाइयों में देश की प्रमुख प्लास्टिक पैकेजिंग कंपनी टेक्नोप्लास्ट पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है, जिसने 96 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री 640 करोड़ रुपये की नई निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे, जिससे क्षेत्र में हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
प्लास्टिक पार्क: एक नई औद्योगिक पहचान
गीडा में विकसित हो रहे इस प्लास्टिक पार्क का उद्देश्य गोरखपुर को प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनाना है। इस पार्क में कुल 92 प्लास्टिक उत्पाद इकाइयां स्थापित होंगी, जिनमें से 60 के लिए जमीन आवंटित की जा चुकी है और कई इकाइयों में उत्पादन भी शुरू हो गया है। इन इकाइयों में प्लास्टिक की बोतलें, जार और खिलौने जैसे उत्पाद बनाए जाएंगे, जो न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बनाएंगे। यह पार्क स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
इन तीन इकाइयों का होगा लोकार्पण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिन तीन प्लास्टिक इकाइयों का लोकार्पण करेंगे, वे हैं:
- टेक्नोप्लास्ट पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड: इस कंपनी ने 96 करोड़ रुपये का निवेश किया है और 250 लोगों को रोजगार दिया है। यह देश की एक प्रमुख प्लास्टिक पैकेजिंग कंपनी है।
- ओमफ्लैक्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड: इस कंपनी ने 17 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
- गजानन पाली प्लास्ट: इस कंपनी ने 7 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
इन इकाइयों के शुरू होने से गोरखपुर में औद्योगिक गतिविधियों में और तेजी आएगी।
अन्य प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास
प्लास्टिक इकाइयों के लोकार्पण के साथ-साथ, मुख्यमंत्री 640 करोड़ रुपये की अन्य निवेश परियोजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं में एपीएल अपोलो ट्यूब्स लिमिटेड, ग्रीनटेक भारत प्राइवेट लिमिटेड (एसएलएमजी ग्रुप) और कपिला कृषि उद्योग शामिल हैं, जिनसे अनुमानित रूप से 1200 लोगों को रोजगार मिलेगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीक संस्थान (सिपेट) के स्किल ट्रेनिंग सेंटर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) का भी शिलान्यास करेंगे। यह 16 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा, जिसके लिए गीडा ने पांच एकड़ जमीन निशुल्क दी है।
अपशिष्ट प्रबंधन और बड़े निवेश
औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। यह प्लांट अड़िलापार में 11.15 एकड़ में 93.52 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होगा।
इसके अलावा, मल्टीनेशनल कंपनी पेप्सिको के बाद, अब कोका कोला का बॉटलिंग प्लांट भी गोरखपुर में स्थापित होगा। अमृत बॉटलर्स द्वारा 700 करोड़ रुपये के निवेश से लगाए जाने वाले इस प्लांट से लगभग 1200 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसका भूमि पूजन और शिलान्यास भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।
गोरखपुर में निवेश और रोजगार
निवेश | लागत | रोजगार |
टेक्नोप्लास्ट पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड | 96 करोड़ रुपये | 250 |
ओमफ्लैक्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड | 17 करोड़ रुपये | जानकारी उपलब्ध नहीं |
गजानन पाली प्लास्ट | 7 करोड़ रुपये | जानकारी उपलब्ध नहीं |
अन्य परियोजनाएं (एपीएल अपोलो, ग्रीनटेक, कपिला) | 640 करोड़ रुपये | ~1200 |
सिपेट स्किल ट्रेनिंग सेंटर + सीएफसी | 16 करोड़ रुपये | प्रशिक्षण के अवसर |
कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) | 93.52 करोड़ रुपये | पर्यावरण सुरक्षा |
कोका कोला बॉटलिंग प्लांट (अमृत बॉटलर्स) | 700 करोड़ रुपये | ~1200 (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष) |
कुल निवेश | ~1573.52 करोड़ | ~2650+ |