गोरखपुर विश्वविद्यालय, डीडीयू, एमजीयूजी और एम्स गोरखपुर की नवीनतम खबरें: शैक्षणिक नवाचार, संस्कृत सप्ताह, स्तनपान जागरूकता, प्रवेश प्रक्रिया और नाइट शेल्टर शुल्क में कमी।
गोरखपुर: गोरखपुर में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख खबरें सामने आई हैं, जिनमें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू), महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (एमजीयूजी) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर की महत्वपूर्ण गतिविधियां शामिल हैं। इन संस्थानों में शैक्षणिक नवाचार, सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम और छात्रों के लिए सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) में प्रमुख घटनाक्रम
- हिंदी विभाग को भेंट: विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग को सेवानिवृत्त प्रोफेसर अनिल कुमार राय ने दो स्प्लिट एयर कंडीशनर (एसी) दान किए हैं। हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. रामनरेश राम ने बताया कि विभाग की सभी महत्वपूर्ण बैठकें इसी कक्ष में होती हैं। इस एसी का उद्घाटन विश्वविद्यालय की सफाईकर्मी सलमा द्वारा किया गया, जिसे कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने दूसरों के लिए प्रेरणा बताया। यह पहल सामुदायिक सहयोग और सम्मान का एक बेहतरीन उदाहरण है।
- संस्कृत सप्ताह का उद्घाटन: विश्वविद्यालय के संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग ने संस्कृत सप्ताह का उद्घाटन किया है। विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर राजवंत राव ने संस्कृत ग्रंथों में निहित सामाजिक चेतना पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता जवाहरलाल नेहरू केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर संतोष कुमार शुक्ल ने कहा कि संस्कृत एक ऐसा माध्यम है जिससे विश्व के समस्त ज्ञान को जाना जा सकता है। यह आयोजन एक सप्ताह तक चलेगा और इसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं और व्याख्यान शामिल होंगे, जो छात्रों और शोधार्थियों को संस्कृत भाषा के महत्व से अवगत कराएंगे।
- स्तनपान सप्ताह जागरूकता कार्यक्रम: महिला अध्ययन केंद्र एवं गृह विज्ञान विभाग ने स्तनपान सप्ताह के अवसर पर एक जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में एमएससी खाद्य एवं पोषण की छात्राओं ने गोरखपुर जिला अस्पताल में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्तनपान के लाभों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि स्तनपान बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि मां के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है, जिससे स्तन कैंसर, डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा कम होता है। यह कार्यक्रम सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- प्रवेश शुल्क और प्रमाण पत्र सत्यापन: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीए के अलावा सभी अन्य कार्यक्रमों में सीट आवंटन प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के लिए शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि शनिवार है। राजनीति विज्ञान विभाग में एमए प्रथम सेमेस्टर (सत्र 2025−26) के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के मूल प्रमाण पत्रों का सत्यापन 2 अगस्त से 6 अगस्त के बीच होगा। बीए पाठ्यक्रम में शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 3 अगस्त है, और प्रमाण पत्रों का सत्यापन 5 अगस्त से 8 अगस्त तक होगा। छात्रों को इन तिथियों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है।
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महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (एमजीयूजी) की पहल
- शिशु स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (एमजीयूजी) के गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय में शिशु एवं बाल रोग विभाग तथा स्त्री-प्रसूति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शिशु स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ किया गया। पहले दिन, चौबेपुर स्थित डी.सी. एलीमेंट्री स्कूल में 400 स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के प्रति विश्वविद्यालय की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
- नवप्रवेशित विद्यार्थियों को कुलपति का संबोधन: एमजीयूजी में फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड लाइफ साइंसेज और फैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंसेज के नवप्रवेशित विद्यार्थियों को कुलपति डॉ. सुरेंद्र सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एमजीयूजी अगले 5 वर्षों में भारत में और 10 वर्षों में वैश्विक स्तर पर शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगा। उन्होंने छात्रों को खुली आंखों से सपने देखने, अनुशासित रहने, जीवन में उद्देश्य रखने और सोशल मीडिया का सदुपयोग करने का आह्वान किया।
एम्स, गोरखपुर में नाइट शेल्टर शुल्क में कमी
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गोरखपुर ने अपने रात्रि विश्राम शरणालय (नाइट शेल्टर) का शुल्क घटाकर केवल ₹10 प्रति रात्रि कर दिया है। यह सुविधा मरीजों के तीमारदारों को सम्मानजनक और सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, ताकि उन्हें खुले में धूप या बारिश में रात न बितानी पड़े। इससे पहले जुलाई में शुल्क को ₹75 से घटाकर ₹30 किया गया था। यह कदम मरीजों के परिजनों के लिए एक बड़ी राहत है।
एमबीबीएस छात्रों का मूल्यांकन: विश्वविद्यालय की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने बताया कि एमबीबीएस छात्रों का मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है जो पूरे शैक्षणिक वर्ष चलती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंतरिक मूल्यांकन का उद्देश्य छात्रों को पास या फेल करना नहीं, बल्कि उनके समग्र विकास और पात्रता का आकलन करना है। यह एक नवाचार है जिसका उद्देश्य डॉक्टरों की शिक्षा की गुणवत्ता को देश और विश्व स्तर पर उच्च मानकों पर स्थापित करना है। गौरतलब है कि शुक्रवार को एम्स के 104 विद्यार्थियों के आंतरिक मूल्यांकन में फेल होने संबंधी खबरें आई थीं।