एम्स गोरखपुर में MIS तकनीक से रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन ने दी नई ज़िंदगी

गोरखपुर: एम्स गोरखपुर ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 30 वर्षीय, पहलाटोला निवासी एक युवक को एम्स गोरखपुर में पहली बार एमआईएस (मिनिमल इनवेसिव सर्जरी) पोस्टीरियर शाटज सेगमेंट फिक्सेशन ऑव स्पाइन विद पेडिकल स्क्रू फिक्सेशन तकनीक का उपयोग करके नई जिंदगी मिली है। इस अत्याधुनिक सर्जरी से युवक की रीढ़ की हड्डी की गंभीर चोट का सफल इलाज किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, 19 मई की शाम में एक दुर्घटना में युवक की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। चोट लगने के कारण मरीज की स्पाइनल कॉर्ड (मेरु दंड) पर दबाव पड़ गया था, जिससे उसकी पेशाब करने की क्षमता समाप्त हो गई थी। टूटी हुई हड्डी के कारण मरीज का बिस्तर पर करवट लेना भी मुश्किल हो गया था, जिससे उसे बेड सोर और लकवा होने का खतरा बना हुआ था।
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मरीज को 25 मई को हड्डी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय भारती की देखरेख में भर्ती कराया गया और तत्काल ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू की गई। 26 मई की सुबह, प्रोफेसर भारती ने बिना समय गंवाए इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर में एमआईएस तकनीक से सफल ऑपरेशन किया। जहाँ ओपन सर्जरी में 15-20 सेंटीमीटर का चीरा लगाया जाता है, वहीं इस पूरे ऑपरेशन को प्रोफेसर भारती ने दो-दो सेंटीमीटर के चार छोटे चीरों (इन्सिजन) से सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
छोटे चीरे से मरीज को ऑपरेशन के बाद दर्द न के बराबर होता है और संक्रमण का खतरा भी कम रहता है। ऑपरेशन की शाम से ही मरीज करवट लेने में सक्षम हो गया है और अगली सुबह से सहारे के साथ बैठने भी लगा है। मरीज की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है।
इस पूरे ऑपरेशन के लिए मरीज को कोई शुल्क नहीं देना पड़ा, क्योंकि उसका उपचार आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त में किया गया। प्रोफेसर भारती की इस सफल सर्जरी में एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. प्रियंका द्विवेदी का अहम योगदान रहा। हड्डी विभाग के रेजिडेंट डॉ. शलभ, डॉ. रूपम और डॉ. समीर ने प्रोफेसर भारती का सहयोग किया। इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने में नर्सिंग ऑफिसर श्री श्रीराम, श्री खुशवंत और मिस दीपिका मौर्य का भी विशेष योगदान रहा।
संस्थान की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रोफेसर विभा दत्ता ने ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी और उन्हें प्रोत्साहित किया। यह सफलता एम्स गोरखपुर की चिकित्सा क्षमताओं में एक नया मील का पत्थर है।
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