Gorakhpur/Worker’s Death Leads to Cremation Standoff Over Compensation in Maharajganj: मुम्बई में शटरिंग के दौरान सिर में सरिया घुसने से घायल युवक की मौत के बाद परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर रविवार को चिता पर शव रखकर अंतिम संस्कार रोक दिया. मुम्बई से शव लेकर आए कंपनी मालिक के सहयोगी को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. मृतक की पत्नी के खाते में साढ़े चार लाख रुपये मुआवजा राशि आने पर छह घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया.
महराजगंज के पनियरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत जर्दी निवासी महेन्द्र पुत्र रामानंद (32) मुम्बई में शटरिंग का कार्य करता था. डेढ़ माह पूर्व ही वह घर से मुम्बई गया था. वहां उसका बड़ा भाई भी रहता है. बीते 18 सितंबर को शटरिंग का कार्य करते समय महेन्द्र के सिर में सरिया घुस गई. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. कंपनी मालिक ने अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद अपने एक सहयोगी और घायल युवक के बड़े भाई के साथ महेन्द्र को एंबुलेंस से घर भेज दिया. रास्ते में महेन्द्र की मौत हो गई. शनिवार देर रात शव घर पर पहुंचने के बाद परिजन बदहवास हो गए. मुआवजे को लेकर महेन्द्र के शव के साथ आए कंपनी मालिक के सहयोगी को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया.
रविवार सुबह बड़हरा लाल पुल के पास रोहिन नदी के किनारे चिता पर शव रखने के बाद अंतिम संस्कार रोक दिया. मुंबई में कंपनी मालिक से फोन पर हुई बातचीत में परिजनों ने कहा कि जब तक मुआवजा नहीं मिल जाएगा, शव का अंतिम संस्कार नहीं होगा. बताया जा रहा है कि कम्पनी मालिक ने साढ़े चार लाख रुपये मृतक की पत्नी के खाते में भेजे तब जाकर ग्रामीणों ने बंधक को छोड़ा और शव का अंतिम संस्कार किया गया.