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यूपी में यहां बन रहा प्रदेश का पहला ‘प्लास्टिक पार्क’, 120 करोड़ का निवेश, 92 यूनिट्स, सैकड़ों रोजगार

यूपी में यहां बन रहा प्रदेश का पहला 'प्लास्टिक पार्क', 120 करोड़ का निवेश, 92 यूनिट्स, सैकड़ों रोजगार
यूपी में प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क गोरखपुर में GIDA के सेक्टर 28 में तैयार हो रहा है। ₹120 करोड़ के निवेश से 300+ रोजगार, 92 इकाइयों का लक्ष्य। जानें इस महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति और लाभ।

Uttar Pradesh First Plastic Park: उत्तर प्रदेश के ‘सीएम सिटी’ गोरखपुर में प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क तेजी से आकार ले रहा है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) के सेक्टर 28 में, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे नरकटहा गांव के पास 88 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा यह पार्क, राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महत्व और उद्देश्य: एक राष्ट्रीय पहल का हिस्सा: यह प्लास्टिक पार्क केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा देशभर में स्वीकृत 10 प्लास्टिक पार्कों में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक उत्पादों से जुड़ी विभिन्न इकाइयों को एक ही स्थान पर क्लस्टर के रूप में विकसित करना है। यह पहल न केवल उत्पादन दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि प्लास्टिक उद्योग से संबंधित अनुसंधान, कौशल विकास और नवाचार को भी बढ़ावा देगी।

निवेश और रोजगार के अवसर इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अब तक लगभग ₹120 करोड़ का निवेश हो चुका है, जिससे 300 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। पूरे प्लास्टिक पार्क परियोजना की कुल लागत ₹69.58 करोड़ है, और इसमें कुल 92 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। यह पार्क निवेश और भूखंड आवंटन के दृष्टिकोण से भारत की सबसे सफल प्लास्टिक पार्क परियोजनाओं में से एक माना जा रहा है।

इकाइयों का आवंटन और प्रगति: पार्क में अब तक 60 से अधिक भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं, जिनमें प्लास्टिक उत्पाद बनाने वाली पांच दर्जन से अधिक इकाइयाँ शामिल हैं। शेष 31 भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जिससे जल्द ही सभी भूखंडों पर औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ हो सकेंगी। वर्तमान में, तीन इकाइयाँ स्थानीयकरण के लिए पूरी तरह तैयार हैं, जो जल्द ही उत्पादन शुरू कर देंगी।

प्रमुख इकाइयाँ और उनका योगदान इस पार्क में स्थापित हो रही कुछ प्रमुख इकाइयाँ इस प्रकार हैं:

  • टेक्नोप्लास्ट पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड (Technoplast Packaging Private Limited): इस प्रमुख प्लास्टिक पैकेजिंग कंपनी ने 20,000 वर्गमीटर का विशाल भूखंड लेकर ₹96 करोड़ का निवेश किया है। इस इकाई में दो साल के भीतर ही वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है और इसने 250 लोगों को रोजगार प्रदान किया है।
  • ओम फ्लेक्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (Om Flex Industries Private Limited): प्लास्टिक पाइप उत्पादन के लिए इस कंपनी को 4150 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई है। कंपनी ने ₹17 करोड़ का निवेश किया है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50 लोगों को रोजगार मिला है।
  • गजानन प्लास्ट (Gajanan Plast): इस इकाई ने 1196 वर्गमीटर जमीन पर ₹7 करोड़ के निवेश से अपनी स्थापना की है, जिससे 25 लोगों को रोजगार मिला है।

बुनियादी ढाँचा और भविष्य की सुविधाएं: प्लास्टिक पार्क में आवश्यक मूलभूत ढाँचागत सुविधाएं, जैसे सीसी रोड (कंक्रीट सड़कें) और आरसीसी ड्रेनेज (रेनफोर्स्ड सीमेंट कंक्रीट ड्रेनेज) का विकास कार्य शुरू हो चुका है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थान (CIPET) द्वारा ₹16 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक कौशल प्रशिक्षण केंद्र और एक सामान्य सुविधा केंद्र (Common Facility Center) भी प्लास्टिक पार्क में बनाया जाएगा। यह केंद्र श्रमिकों को आवश्यक कौशल प्रदान करने और इकाइयों को तकनीकी सहायता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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Priya Srivastava

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About Author

Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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