गोरखपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा राज्य में आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (ESMA) लागू किए जाने के विरोध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, गोरखपुर ने कड़ा रुख अपनाया है। परिषद के कैंप कार्यालय, तुर्कमानपुर (बर्फखाना) में एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव ने की।
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अध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव ने एस्मा कानून को लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कहा कि सरकार इस दमनकारी कानून के माध्यम से कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिषद इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने जोर दिया कि संवाद और समाधान के रास्ते को छोड़कर दमनकारी कानून लागू करना लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विरुद्ध है।
परिषद के महामंत्री मदन मुरारी शुक्ला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल एस्मा कानून को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की जायज समस्याओं का समाधान बातचीत और समन्वय के माध्यम से किया जाना चाहिए, न कि दमनकारी उपायों से। यह विरोध सरकार और कर्मचारियों के बीच बढ़ते गतिरोध को दर्शाता है।
बैठक में परिषद के अनेक प्रमुख पदाधिकारी और कर्मचारी नेता मौजूद रहे, जिनमें अशोक पांडे, पंडित श्याम नारायण शुक्ला, अनिल द्विवेदी, राजेश मिश्रा, सौरभ श्रीवास्तव, अनूप कुमार और इजहार अली प्रमुख रूप से शामिल थे। परिषद ने सामूहिक रूप से इस कानून का विरोध करते हुए सरकार से कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखने की अपील की है।


