गोरखपुर में पशु तस्करों का आतंक, NEET छात्र को पीट-पीटकर मारा, गुस्साई भीड़ ने SP पर किया पथराव

दीपक, तुम्हारे साहस ने नाके-चौकी पर ‘सौदे’ करने वाली खाकी के इस झूठ को नंगा कर दिया — ‘ऑल इज़ वेल’

दीपक इस दुनिया में नहीं है, उसने उन पशु तस्करों का मुकाबला करने में अपनी जान गंवा दी, जिनसे पुलिस को लड़ना था। दीपक के यूं चले जाने की घटना ने कहीं न कहीं खाकी वह सच और नंगा कर दिया है, जो सभी जानते हैं….यानी पुलिस और पशु तस्करों के बीच गहरे मौन संबंधों का शक।

पुरानी कारों की बिक्री पर जीएसटी बढ़ा

18 प्रतिशत जीएसटी बनाम कार के चालान का वह दिलचस्प किस्सा

जीएसटी काउंसिल की बैठक में पुराने कारों की बिक्री पर टैक्स को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया. सोशल मीडिया इस निर्णय की आलोचना से रंगा हुआ है. हालांकि, इस तरह की आलोचना एक महत्वपूर्ण तथ्य को नजरअंदाज कर रही है: पुरानी कारों की बिक्री पर 18% जीएसटी व्यक्तियों के बीच होने वाली बिक्री पर लागू नहीं होता है. इसके बजाय, यह कर उन कंपनियों पर लागू होगा जो पुरानी कारों को कम कीमतों पर खरीदती हैं, उन्हें नवीनीकृत करती हैं, और फिर उन्हें बड़े मुनाफे के साथ बेचती हैं.

चुपचाप, खुद ही अतिक्रमण की हदें समेटना क्या कहता है…

चुपचाप, खुद ही अतिक्रमण की हदें समेटना क्या कहता है…

यह तस्वीर अपने गलत कार्यों की मौन स्वीकृति की गवाह है. कानून व्यवस्था को ठेंगे पर रखकर पिछले दिनों जिन सड़कों पर तांडव हुआ, वहां अब अपनी सीमा खुद ही दुरुस्त करने का यह मंजर सोशल मीडिया पर वायरल है. अब अपने आश्रितों के भविष्य की चिंता, एक अनजाना डर…आगे क्या होगा, आशियाना उजड़ जाने का मंडराता खतरा…इन सवालों के साये में, चेहरे पर अनुनय-विनय का भाव…चुपचाप हथौड़े से हदें दुरुस्त करना सिर्फ़ एक नोटिस का नतीजा ही नहीं हैं…यह स्वीकृति है अपने गलत कार्यों की.

कॉलम - ठोंक बजा के

बापू सेहत के लिए तू तो हानीकारक है…

शहर के क्लीनिक में हाल में ही घटी एक घटना अब सियासी उबाल ले रही है. सिपाही के पक्ष में लोगों का एक-एक करके आते जाना सिर्फ संयोग भर नहीं है. मौजूदा दौर में, गोरखपुर शहर में प्रैक्टिस कर रहे चिकित्सकों पर से भरोसा डगमगाने की कहानी कोई एक-दो दिन में नहीं लिखी गई है.

कॉलम - ठोंक बजा के

बाउंसर रखकर ​मरीज़ की पीड़ा का गला मत घोटिये!

चिकित्सा कर्म, सेवा नहीं है. इसे ‘सेवा’ के नजरिये से देखे जाने की समझ अब पुरानी और व्यर्थ हो चुकी लगती है. चिकित्सक की फीस चुकाने के साथ ही, डॉक्टर और मरीज का रिश्ता बाज़ारू हो जाता है. इस रिश्ते में दया, करुणा, संवेदनशीलता, सम्मान की अपेक्षा रखना बेमानी है. बात कड़वी, मगर सच है.

नया एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल का लक, डेवलपमेंट का लिंक महाकुंभ 2025: कुछ अनजाने तथ्य… महाकुंभ 2025: कहानी कुंभ मेले की…
नया एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल का लक, डेवलपमेंट का लिंक