Gorakhpur: राष्ट्रीय अनुवाद मिशन, भारतीय भाषा संस्थान (मैसूर) और कानून एवं न्याय मंत्रालय के मार्गदर्शन में भारतीय संविधान के संस्कृत भाषा में अनूदित संस्करण का विमोचन बीते दिनों संविधान दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में किया गया. संविधान के संस्कृत संस्करण को तैयार करने में गोरखपुर शहर के डॉ. अतुल कुमार शुक्ल ने भी योगदान किया है. डॉ. अतुल संस्कृत अनुवाद टीम के प्रमुख सदस्य रहे और शुरू से अंत तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
बापू पीजी कॉलेज पीपीगंज में सहायक आचार्य डॉ. अतुल ने बातचीत में बताया कि राष्ट्रीय अनुवाद मिशन के तहत भारतीय भाषा संस्थान (मैसूर) और कानून एवं न्याय मंत्रालय के मार्गदर्शन में संविधान के संस्कृत अनुवाद के लिए देश स्तर पर दस सदस्यों की टीम तैयार की गई थी. टीम ने 1 सितंबर 2023 से अनुवाद कार्य शुरू किया था. यह कार्य इस वर्ष 30 सितंबर को पूरा हुआ यानी कुल तेरह महीने तक अनुवाद कार्य चला. उन्होंने बताया कि इस कार्य में उन्हें और पूरी अनुवाद टीम को कई नए अनुभव हासिल हुए. डॉ. अतुल ने बताया कि 1978 के बाद संविधान में जो भी संशोधन हुए हैं, टीम ने उन सभी संशोधनों का भी संस्कृत में अनुवाद किया है. डॉ. अतुल ने कहा, संविधान का संस्कृत अनुवाद करने वाली टीम का हिस्सा होना मेरे लिए गौरव की बात है.
डॉ. अतुल की इस उपलब्धि पर पिछले दिनों बापू पीजी कॉलेज प्रांगण में उन्हें सम्मानित किया गया. कॉलेज की प्राचार्या प्रो. मंजू मिश्रा ने कहा कि यह न केवल महाविद्यालय बल्कि गोरखपुर जिले के लिए गौरव की बात है. महाविद्यालय के प्रबंधक श्री कमाल जावेद, सभी शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने डॉ. अतुल को बधाई दी.
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