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उफान पर पहुंचकर राप्ती स्थिर, 64 गांवों में दौड़ रही नाव

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Floods in Gorakhpur: राप्ती गोरखपुर में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंचकर स्थिर हो गयी है. बाढ़ से अब तक 64 गांव प्रभावित हो चुके हैं. जिला आपदा विभाग के मुताबिक मंगलवार की शाम गोरखपुर में राप्ती का जलस्तर 75.99 मीटर दर्ज किया गया है जो खतरे के निशान से 1.01 मीटर ऊपर है. यहां खतरे का निशान 74.98 मीटर पर है. सिंचाई विभाग के मुताबिक अब जलस्तर में वृद्धि थम गयी है. अगले कुछ घंटों में गिरावट दर्ज की जा सकती है.

बाढ़ के चलते अब तक जिले के 64 गांव प्रभावित हो चुके हैं. इन गांवों में 94 नावें लगाई गयी हैं. सदर तहसील में सर्वाधिक 21 गांव प्रभावित हुए हैं जहां 71 नावें लगायी गयी हैं. गोला के 13 गांव प्रभावित हुए हैं लेकिन वहां नाव की जरूरत नहीं पड़ी है. सहजनवां के 6, कैम्पियरगंज व खजनी के 8-8 गांव प्रभावित हुए हैं. बांसगांव के 5 गांव प्रभावित हुए हैं. प्रभावित गांवों में नाव की तैनाती के साथ ही प्रशासन ने राहत सामग्री का वितरण भी शुरू करा दिया है.

घाघरा तुर्तीपार और अयोध्या दोनों स्थानों पर घट रही है. इस बीच जिला आपदा प्रभारी व एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीत कुमार सिंह ने जिले के लोगों से अपील किया है कि भारी बरसात के चलते नदियों में बाढ़ के साथ ही जिले में सभी नाले व तालाब भी लबालब भर चुके हैं तथा मिट्टी गीली होने से फिसलन भी हो रहा है, ऐसी स्थिति में नदी, नाला व तालाबों के पास जाने से परहेज करें तथा बच्चों को जाने से रोकें.

कमिश्नर, डीआईजी ने नाव से बाढ़ का लिया जायजा
कमिश्नर अनिल ढींगरा ने पुलिस महानिरीक्षक आनंद सुरेश राव कुलकर्णी के साथ नाव से बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान डीएम और एसएसपी भी साथ थे. अधिकारियों ने कालेसर जीरो प्वाइंट से लेकर शेरगढ़, उत्तरी कोलियां, बहरामपुर दक्षिणी तथा रामघाट तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा नाव के द्वारा लिया. कमिश्नर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों की 24 घंटे निगरानी करें, बाढ़ ग्रस्त परिवारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.

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