गाजियाबाद: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित यशोदा मेडिसिटी अस्पताल का उद्घाटन करेंगी। इस बड़े आयोजन में उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत कई अन्य महत्वपूर्ण नेता और अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस अति विशिष्ट कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिसके संबंध में शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने ब्रीफिंग की और मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
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सुरक्षा व्यवस्था और मॉक ड्रिल
राष्ट्रपति और अन्य अतिथियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था का बारीकी से जायजा लिया। इस दौरान ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों ने न केवल मॉक ड्रिल की, बल्कि राष्ट्रपति के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से लेकर उनके वापस जाने तक का पूरा ट्रायल भी किया गया। इसमें सुरक्षा घेरा, पार्किंग स्थल, प्रवेश द्वार और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अधिकारियों ने विस्तृत निर्देश दिए। दिल्ली से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उद्घाटन समारोह और अधिकारियों की मौजूदगी
शक्तिखंड दो स्थित 1200 बेड के यशोदा मेडिसिटी का उद्घाटन समारोह रविवार सुबह करीब 11 बजे शुरू होगा। कार्यक्रम से एक दिन पहले शनिवार को यशोदा मेडिसिटी में एडिशनल कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी, डीसीपी निमिष पाटील, एडीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद, एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव, सीएफओ राहुल पाल समेत जिले भर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों की मौजूदगी में कार्यक्रम के सफल और सुरक्षित आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए सभी पहलुओं पर चर्चा की गई।
एंट्री पास और रूट डायवर्जन के निर्देश
एडिशनल कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने जानकारी दी कि उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों के लिए एंट्री पास जारी किए गए हैं। केवल उन्हीं लोगों को कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश मिलेगा जिनके पास वैध एंट्री पास होगा। साथ ही, पार्किंग में भी उन्हीं लोगों के वाहनों को खड़ा करने की अनुमति दी जाएगी जिनके पास पार्किंग पास होगा। उन्होंने बताया कि सभी अतिथि अलग-अलग मार्गों से अस्पताल पहुंचेंगे, जिसके चलते अलग-अलग एसीपी और दूसरे जिलों से आए एसएसपी व एसपी को नोडल अधिकारी बनाते हुए सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था सौंपी गई है। यातायात को सुगम बनाने के लिए रूट डायवर्जन भी लागू किया गया है।


