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पूर्वोत्तर रेलवे समाचार

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे की नई पहल, ट्रेन हादसों को रोकने के लिए 382 ट्रेनों में ‘ब्लैक बॉक्स’ तकनीक

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे की नई पहल, ट्रेन हादसों को रोकने के लिए 382 ट्रेनों में 'ब्लैक बॉक्स' तकनीक
पूर्वोत्तर रेलवे अपनी 382 ट्रेनों में वॉयस रिकॉर्डर सिस्टम लगा रहा है, जो हवाई जहाज के ब्लैक बॉक्स की तरह काम करेगा। यह तकनीक लोको पायलटों की बातचीत को रिकॉर्ड कर ट्रेन हादसों को रोकने में मदद करेगी। जानें कैसे यह रेलवे सुरक्षा को बढ़ाएगा।

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे (NER) अब हवाई जहाज की तर्ज पर अपने ट्रेन इंजनों में वॉयस रिकॉर्डर सिस्टम लगाने जा रहा है। यह तकनीक ट्रेन संचालन में सुरक्षा को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाने के लिए लाई गई है। यह वॉयस रिकॉर्डर लोको पायलट और सहायक लोको पायलट की आपसी बातचीत के साथ-साथ इंजन के भीतर की सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करेगा। रेलवे प्रशासन ने इसके लिए 382 इंजनों में यह सिस्टम लगाने का टेंडर जारी किया है। यह कदम हादसों की जांच को और भी सटीक बनाएगा और भविष्य में उन्हें रोकने में सहायक होगा।

वॉयस रिकॉर्डर सिस्टम का काम

पूर्वोत्तर रेलवे में लगने वाला यह वॉयस रिकॉर्डर ठीक उसी तरह काम करेगा, जैसे हवाई जहाज में ब्लैक बॉक्स काम करता है। यह सिस्टम लोको पायलट और उनके सहायक के बीच होने वाली हर बातचीत को रिकॉर्ड करेगा। इसके अलावा, इंजन के अंदर की सभी ध्वनियां भी इसमें रिकॉर्ड होंगी। रेलवे प्रशासन ने इस प्रणाली को लागू करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है, जिसके तहत 382 इंजनों में इसे लगाया जाएगा। इससे ट्रेन संचालन में संवाद संबंधी त्रुटियों को कम किया जा सकेगा और सुरक्षा के स्तर को बेहतर बनाया जा सकेगा।

सफल ट्रायल के बाद बड़े पैमाने पर शुरुआत

रेल प्रशासन ने इस सिस्टम का ट्रायल पहले ही 12 इंजनों में किया था, जो पूरी तरह सफल रहा। ट्रायल के दौरान इसकी कार्यक्षमता और आवाज रिकॉर्डिंग की गुणवत्ता की गहन समीक्षा की गई, जिसमें सकारात्मक परिणाम मिले। इस सफलता के बाद, इसे अब पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों – लखनऊ, इज्जतनगर और वाराणसी में बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना बनाई गई है।

इस वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार, लखनऊ मंडल में 224, इज्जतनगर मंडल में 104 और वाराणसी मंडल में 46 लोको इंजनों में यह सिस्टम लगाया जाएगा। इस कदम से न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि ट्रेन संचालन से जुड़ी गलतियों को भी कम किया जा सकेगा।

सुरक्षित संचालन और मोबाइल उपयोग पर प्रतिबंध

वॉयस रिकॉर्डर के लागू होने के बाद, लोको पायलट और सहायक लोको पायलट मोबाइल फोन का उपयोग करके बातचीत नहीं कर पाएंगे। उन्हें गार्ड और स्टेशन मास्टर से केवल वॉकी-टॉकी के माध्यम से ही संपर्क करना होगा। इससे सिग्नल ओवरशूट जैसे हादसों में सही और स्पष्ट संवाद सुनिश्चित होगा।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) पंकज कुमार सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और दीवाली के बाद यह सिस्टम लगाने का काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिस्टम दुर्घटनाओं की सटीक जानकारी देगा, जिससे ट्रेन संचालन को और भी सुरक्षित बनाया जा सकेगा।

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Amit Srivastava

Amit Srivastava

About Author

गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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