गोरखपुर: गोरखपुर शहर के उत्तरी इलाके में, सितंबर में हुए नीट छात्र दीपक गुप्ता हत्याकांड की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पूरी कर ली है। अब जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी है। इस संवेदनशील मामले में, जिसकी जांच शासन ने एसटीएफ को सौंपी थी, पशु तस्करों के एक संगठित गिरोह की संलिप्तता सामने आई है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश पैदा कर दिया था, जिसके बाद पुलिस पर भी पथराव हुआ था। इस वारदात को अंजाम देने में बिहार के गिरोह की संलिप्तता का खुलासा हुआ है।
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हत्याकांड में पशु तस्करों का संगठित नेटवर्क
पीड़ित छात्र दीपक गुप्ता पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूसड़ के महुआचाफी गांव का निवासी था और नीट की तैयारी कर रहा था। पिछले माह 15 सितंबर की रात को, पशु तस्करों द्वारा की गई गोलीबारी में दीपक गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। एसटीएफ की जांच में पता चला है कि दीपक की मौत के पीछे सक्रिय पशु तस्करों का एक संगठित गिरोह था। यह गिरोह अवैध रूप से पिकअप में मवेशियों को लादकर बिहार ले जा रहा था, और यह घटना तब हुई जब ग्रामीणों ने तस्करों की घेराबंदी करने की कोशिश की।
8 आरोपी नामजद, कोर्ट में चार्जशीट की तैयारी
इस प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए, 19 सितंबर को इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। एसटीएफ ने गहन विवेचना के बाद अब पूरे मामले को सुलझा लिया है। जांच में जब्त किए गए साक्ष्यों, जैसे ग्रामीणों के हत्थे चढ़े तस्कर अजब हुसैन के पास से बरामद मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और बयानों को महत्वपूर्ण आधार बनाया गया है। एसटीएफ ने बिहार के गोपालगंज निवासी मन्नू सेठ समेत कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें दो को मुख्य साजिशकर्ता (अपहरण कर हत्या समेत अन्य धारा) और चार को साजिशकर्ता के रूप में चार्जशीट में शामिल किया गया है। वर्तमान में सभी आरोपी जेल में बंद हैं।
घटना के बाद भड़का था ग्रामीणों का आक्रोश
दीपक गुप्ता की हत्या के बाद ग्रामीण गुस्से में आ गए थे। आक्रोशित ग्रामीणों ने तस्करों की एक गाड़ी फूंक दी थी और बिहार निवासी एक तस्कर अजब हुसैन को पकड़ लिया था। जब पुलिस टीम तस्कर को गिरफ्तार करने मौके पर पहुँची, तो ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर भी पथराव किया। इस घटना में एसपी नार्थ समेत सात पुलिस कर्मी घायल हुए थे। अब एसटीएफ की चार्जशीट दाखिल होने के बाद इस पूरे मामले में कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ेगी।